गया. गया में रविवार की सुबह खेलने के दौरान एक बच्ची 105 फीट गहरे बोलवेल में जा गिरी. घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए. इससे पहले कि पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचती ग्रामीणों ने जेसीबी की मदद से बच्ची को बोरवेल से बाहर निकाल लिया, लेकिन तबतक उसकी मौत हो गई थी. घटना मोहनपुर प्रखंड की अमकोला पंचायत के मसौंधा गांव की है.
हादसे की सूचना के बाद प्रशासन ने की त्वरित कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, मसौंधा गांव निवासी किसान अरविंद यादव ने अपने घर के पास बोरिंग कराया था, लेकिन बोरवेल को बंद नहीं किया गया था. अरविंद यादव की ढाई साल की बेटी आकांक्षा घर के पास खेल रही थी. इसी दौरान खेल-खेल में वह बोरवेल में जा गिरी. इस घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई. उधर, इस घटना से जिले के पुलिस और प्रशासनिक महकमें में भी हड़कंप मच गया. पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ डीएम घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. पटना से एनडीआरएफ की टीम को भी घटना की जानकारी दे दी गई थी.
जिलाधिकारी ने घटना पर जताया दुख
घटनास्थल के जिला मुख्यालय से काफी दूर होने के कारण रेस्क्यू टीम अभी रास्ते में ही थी तभी ग्रामीणों ने जेसीबी को बुला लिया और प्रशासन की टीम के पहुंचने से पहले ही बच्ची को बोरवेल से निकाल लिया. हालांकि तबतक वह जिंदगी से जंग हार गई थी. बच्ची की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है और उनका रो-रोकर बुरा हाल है. डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने घटना को दुखद बताया है और परिवार के प्रति संवेदना जताई है. उन्होंने लोगों से बोरिंग करते वक्त सावधानी बरतने की अपील की है.
पड़ोस के गांव से मंगवायी गयी जेसीबी
ग्रामीणों ने बताया कि अरविंद ने हाल में ही नया मकान बनवाया था और घर के समीप ही उसने नया बोरिंग करवाया था. शनिवार को बोरिंग के फेल हो जाने के बाद उसके मुंह पर बोरा रखकर ढंक दिया था. रविवार को उसकी दोनों बेटियां बोरिंग के समीप ही खेल रही थीं. इस दौरान आकांक्षा बोरिंग के मुंह पर चली गयी और बोरा सहित अंदर गिर गयी. आकांक्षा के गिरने के बाद बड़ी बहन रोने लगी. इसके बाद बड़ी संख्या में परिजन व और लोग आये. इस दौरान बोरवेल से आकांक्षा के रोने की आवाज भी आ रही थी. बाद में बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और पड़ोस के गांव से जेसीबी मंगवायी. इसके बाद जेसीबी से 12 फुट खुदाई कर बच्ची को निकाला गया. लगभग आधे घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्ची मृत मिली. इसके बाद परिजन व मां दहाड़ मार कर रोने लगे. खेती-बारी का काम करने वाले किसान अरविंद ने बड़ी मेहनत से मकान बनाया था और पेयजल सुविधा के लिए नया बोरिंग कराया था.
जिला प्रशासन की ओर से हुई फौरी कार्रवाई
नये घर के समीप अरविंद का बोरिंग उसके लिए काल बनकर आया और उसकी बच्ची इसमें समा गयी. रविवार को बोरिंग से शव निकलते ही परिजन इसी बात को कह कर दहाड़ मार रहे थे. माहौल काफी गमगीन हो गया था. यह एक ऐसा मामला था, जिस पर सभी लोग चुप थे और किसी पर कोई दोषारोपण नहीं कर रहे थे. बस परिजन अपने किस्मत को कोस कर रहे थे और कह रहे थे कि बोरिंग उनके लिए काल बन गय. इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि मसौधा गांव में ऐसी घटना हुई है. इसकी सूचना आवश्यक कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को दी गयी. जिला प्रशासन की ओर से फौरी कार्रवाई करते हुए बीडीओ और थाना प्रभारी को अविलंब घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया गया.
गांववालों ने रखी मुआवजे की मांग
संबंधित मामले को लेकर जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन ने पटना मुख्यालय स्थित अपर मुख्य सचिव आपदा से बात कर एनडीआरएफ की टीम की मांग की. टीम वहां से रवाना भी हो गयी. साथ में एंबुलेंस एवं मेडिकल टीम को भी रवाना किया गया था, लेकिन टीम के पहुंचने से पहले ग्रामीणों द्वारा अपने स्तर से जेसीबी से खुदाई कर आकांक्षा के शव को निकाल. इधर, डीएम ने इस घटना पर दुख रखते हुए कहा कि संबंधित मामले को लेकर जो भी आवश्यक प्रक्रिया है, पूरी करायी जायेगी. इधर, घटना के बाद पूर्व विधायक समता देवी ,शेरघाटी के एसडीओ अनुग्रह नारायण सिंह घटनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों से मंत्रणा की है. ग्रामीणों द्वारा मुआवजे की मांग की जा रही है. ज्ञात हो कि मसौधा गांव जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.