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झारखंड: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनी पिताश्री ब्रह्मा बाबा की 147वीं जयंती

केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि विश्व इतिहास का एक उज्ज्वल पक्ष मानव दृष्टि से ओझल रहा. पिछली सदी के वर्ष 1937 में असाधारण व्यक्तित्व वाले प्रजापिता ब्रह्मा को विश्व पिता शिव ने माध्यम बनाकर स्वर्णिम युग का सूत्रपात किया.

रांची: पिताश्री ब्रह्मा बाबा की 147वीं जयंती के शुभ अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केन्द्र चौधरी बागान (हरित भवन के सामने हरमू रोड, रांची) में आज रविवार को समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि किशोर मंत्री (अध्यक्ष, झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स) ने प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की जयंती पर कहा कि ब्रह्मा बाबा ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक थे. इससे सम्पूर्ण विश्व में आध्यात्मिक क्रांति आ रही है एवं नवसृष्टि की रचना हो रही है. आदित्य मल्होत्रा (उपाध्यक्ष, झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स) ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि इस अंधकारमय विनाशकालीन परिस्थिति में स्वयं परमात्मा ने ब्रह्मा बाबा को आदर्श युगपुरूष बनाया.

आशा के हैं प्रकाशपुंज

समाजसेवी बिजय खोवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यदि मानव उनके समान बनने का लक्ष्य जीवन में धारण करे तो सहज ही विश्व का अंधकार तथा स्वयं के जीवन का अंधकार समाप्त हो जाए. दिग्भ्रमित आत्माओं को सही दिखाने वाले पिताश्री ब्रह्मा हमारे लिए आशा के प्रकाशपुंज हैं. कार्यक्रम में उपस्थित डॉ अरुण कुमार (वैज्ञानिक) ने कहा कि ब्रह्मा बाबा ने स्वर्णिम युग की स्थापना के लिए मातृशक्ति का जोरदार आह्वान किया. मातृशक्तियों की इस पूर्ण सक्रियता से स्वर्णिम युग शीघ्र ही इस धरती पर सभी के लिए आयेगा. सुधीर तिवारी (अधिवक्ता) ने कहा कि एकरस गहन योग तपस्या करने के कारण ब्रह्मा बाबा आध्यात्मिक शक्ति का स्त्रोत बन गये थे. इसलिए आज भी उनकी शिक्षाओं से हर एक को अपने मनोविकारों पर बिजय प्राप्त कर उन्हीं के समान दिव्य बनने की प्रेरणा मिलती है.

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मानवाधिकार की रक्षा में दिया अपना श्रेष्ठ योगदान

केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि विश्व इतिहास का एक उज्ज्वल पक्ष मानव दृष्टि से ओझल रहा. जब पिछली सदी के वर्ष 1937 में असाधारण व्यक्तित्व वाले प्रजापिता ब्रह्मा को विश्व पिता शिव ने माध्यम बनाकर स्वर्णिम युग का सूत्रपात किया. एक ऐसी बेहतर विश्वव्यवस्था की बुनियाद रखी, जहां समानता, स्वतंत्रता, शिक्षा स्वास्थ्य व समद्धि होगी. इस विश्व में पॉंच विकारों के कारण नैतिकता का ह्रास हुआ है. अभी प्रजापिता ब्रह्मा की लाखों मानस संतानों ने संपूर्ण ब्रहचर्य के दढ़वती बन इस विषाक्त विश्व वायुमंडल को परिवर्तन करने का बीड़ा उठाया है. उनके द्वारा स्थापित ब्रह्माकुमारी संस्थान विशाल वट वृक्ष बन शांति के महामंत्र की ध्वज पताका पांचों महाद्वीपों में फहरा रहा है व आध्यात्मिकता की शक्ति से स्वर्णिम युग ला रहा है. यह शक्ति कोई जादू, भक्ति या चमत्कार का परिणाम नहीं है बल्कि ज्योतिबिन्दु परमात्मा से बुद्धियोग स्थापित करने से प्राप्त आध्यात्मिक शक्ति है, जिसे राजयोग कहते हैं. राजयोग से स्थापित स्वर्णिम युग की योगज संताने दैवी गुणों से संपन्न होंगी. अतः पिताश्री ब्रह्मा द्वारा ‘पवित्र बनो, राजयोगी बनो’ का संकल्प विश्व के सामने रखा गया है. पिताश्री ब्रह्मा बाबा ने मानवाधिकार की रक्षा में अपना श्रेष्ठ योगदान दिया.

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कार्यक्रम में ये भी थे मौजूद

कार्यक्रम में समाजसेवी दिनेश मिश्रा, निशू राय, पंडित देव प्रसाद पांडेय, पंडित घनश्याम, शिव कुमार गुप्ता आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम में गाइडेड मेडिटेशन का अभ्यास कराया गया एवं कार्यक्रम में कलाकारों के द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया. आपको बता दें कि ईश्वरीय विश्वविद्यालय ब्रह्माकुमारी केन्द्र चौधरी बागान, हरित भवन के सामने हरमू रोड, रांची में ज्ञान-योग सत्र प्रतिदिन चलता है.

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