पत्रकारिता! भारत के आजादी का एक अमिट इतिहास है. लेकिन, बदलते समय के साथ सब कछ बदल जाता हैं, और ऐसे में हमारा पत्रकारिता भी बदल गया है. पत्रकारिता में हमने न्यूज़ रिडर से नयूज़ एंकर तक का सफर भी तय किया, और अब तो पत्रकारिता में न्यूज़ जीपीटी और एआई न्यूज़ एंकर जैसे तकनिकों का प्रयोग शुरु हो चुका हैं. इसकी शुरआत इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव से हुई जहां AajTak ने एआई न्यूज एंकर सना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रस्तुत किया. अब आप ये सोच रहे होंगे की एआई न्यूज एंकर सना का सबसे पहला डब्यू कब हुआ और कहां हुआ?…
आपको बता दें कि एंकर सना ने अपना पहला डेब्यू आज तक के ब्लैक एंड वाइट शो में सुधीर चौधरी के साथ किया और अब तो ये हर रोज सुधीर चौधरी के साथ दिखती भी है. सना हर रोज बड़ी खबरों को बताती हैं. अब दर्शकों को ब्लैक एंड व्हाइट शो में एक ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है, जहां वर्चुअल और ह्यूमन एंकर की जोड़ी एक साथ दिख रही है.
एंकर सना 24 भाषाओं में समाचार को प्रस्तत कर सकती हैं. सना एक कंप्यूटर जनरेटेड वर्चुअल एंकर है. इस एंकर की आवाज बिलकुल मानव जैसी है और दिखती भी बिल्कुल मानव की तरह हीं हैं. लेकिन यह पूरी तरह से कंप्यूटर और एआई से निर्मित है. सना अब एक ऐसी एंकर बन चुकी है, जो न सिर्फ टेलीविजन पर न्यूज़ को पढ़ती है बल्कि सना का तो सोशल मीडिया अकाउंट तक बन चुका है. वह इंस्टाग्राम से ट्विटर तक राज कर रही है. एक तरफ सना अपने इंस्टाग्राम पर ग्लैमरस लुक से लोगों को लुभा रही है, तो वही दूसरी तरफ ट्विटर पर वह हर खबर की अपडेट दे रही है. 18 मार्च को जब इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सना को प्रेजेंट किया गया तभी सना का इंस्टाग्राम और ट्विटर अकाउंट भी बन गया, और अकाउंट बनते ही सना को सोशल मीडिया पर बहुत ज्यदा फेम मिलने लगा है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नवीन प्रौद्योगिकी का भविष्य है. हम इसका उपयोग मीडिया के अलावा कई क्षेत्रों में कर रहें हैं. एआई ने मीडिया मार्केटिंग और सोशल मीडिया को काफी हद तक बदल दिया है. इसने दर्शकों को लक्षित करने से लेकर उनकी प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करने तक को सुव्यवस्थित किया है. इसने सोशल मीडिया मार्केटिंग और ऑनलाइन ब्रांडिंग को काफी हद तक बदल दिया है. वर्तमान में सोशल मीडिया के उपयोग में एआई निम्नलिखित प्लेटफॉर्म पर अपने चरम पर है. इनमें फेसबुक, लिंक्डइन, यूट्यूब, ट्विटर और कू जैसे प्लेटफर्म शामिल हैं. एआई से निश्चित रूप से देश के मीडिया में बड़ा बदलाव आएगा और व्यापार अर्थव्यवस्था का भी विस्तार होगा. एआई मीडिया व्यापार को गति प्रदान करने वाला है.
इस कॉम्पिटिटिव वर्ल्ड में एआई का उपयोग देश के विभिन्न मीडिया संस्थानों में किया जा रहा हैं. जिसके वजह से भारत में 69% और चाइना में 77% ऑटोमेशन की वजह से लोग अपने जॉब को गवा सकते हैं. अगर ऑटोमेशन हमारी नेसेसिटीज है, तो साथ में हम लोगों को प्रिपेयर भी रहना होगा. ऑटोमेशन के वजह से ह्यूमन को एडवांस ट्रेनिंग की भी जरूरत है. क्योंकि, जो ट्रेट एआई में डाले जाते हैं वह एक एडवांस माइंड के ह्यूमन ही प्रोग्रामिंग कर सकता हैं. इंडिया एआई के मामले में 9वें पोजीशन पर है, जहां एआईए स्पेशलिस्ट, वर्कस् फील्ड में काम कर रहे हैं. यूएस, चाइना और यूके की बात करें तो वह अभी भी टॉप पोजीशन पर है.
सीबीएसई ने तो अपने करिकुलम में भी एआई को ऐड कर दिया है. भविष्य की मांग को देखते हुए. आईआईटी हैदराबाद ने तो फुल कोर्स बीटेक का एआई पर ही स्टार्ट कर दिया है. मैकिन्से की रिपोर्ट की माने तो पूरी दुनिया में $13 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का इकनोमिक ग्रोथ 2030 तक हो जाएगा और ग्लोबल जीडीपी में सालाना 1.2% की बढ़ोतरी होगी वही भारत की बात करें तो 957 बिलियन डॉलर इंडियन जीडीपी में उछाल आएगा या ऐसे कहें 1.3% का ग्रोथ होगा.
हाल हीं में गोल्डमैन सैच्स की आई रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि बढ़ते एआई के प्रयोग के कारण 300 मिलियन लेगों का जॉब खतरे में पड़ सकता हैं. इसका मतलब ये है कि 300 निलियन कार्यरत लोगों की जगह एआई ले लेगा. लेकिन जेनेरेटिव एआई सिस्टम चाट जीपीटी, न्यूज़ जीपीटी और एआई न्यूज़ एंकर जैसे टेक्नोलॉजी आने के बाद एम्प्लाइज का जॉब जाने का खतरा सच में बढ़ गया है. अब देखना यह होगा कि क्या एआई सिर्फ आईटी कंपनियों का जॉब रिप्लेस करेगा या फिर नॉन आईटी कंपनियों पर भी अपना असर दिखाएगा.
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