राजधानी पटना में सर्दियों का मौसम शुरू होते ही बिजली की खपत में गिरावट आयी है. पेसू से मिली जानकारी के अनुसार शहर भर के 10 बिजली ग्रिडों में बिजली की खपत लगभग आधी हो गयी है. गर्मियों के महीनों में जहां बिजली की खपत बढ़ कर लगभग 700 से 725 मेगावाट पीक आवर में पहुंच जाती है. वहीं, नवंबर- दिसंबर के महीनों में 350 मेगावाट भी नहीं रह गयी है. पेसू के अधिकारियों का कहना है कि ठंड के दिनों में बिजली संबंधित छोटी-मोटी समस्या में भी कमी आ जाती है.
गर्मियाें के दिनों में बिजली की खपत में बढ़ोतरी के कारण ट्रिप, ओवरलोड जैसी समस्या अक्सर होते रहती है. उनका यह भी कहना था कि ठंड का मौसम जैसे-जैसे बढ़ेता जायेगा, वैसे-वैसे बिजली की खपत और घटती जायेगी. शहर के सामान्य मुहल्ले में लगे 200 केवी व 350 केवी वाले ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ कर 150 केवी व 240 केवी के पार हाे जाते हैं. वहीं, सर्दियों के दिनों में 100 केवी व 150 केवी के नीचे रहता है. हर साल गर्मियों में लोड बढ़ जाने के कारण इलाकों में बिजली कंपनियों को नया ट्रांसफार्मर लगाना पड़ता है. शहरभर में लगभग बिजली उपभोक्ता की संख्या 6.50 लाख के आसपास है.
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बिजली की खपत में गिरावट अक्टूबर महीने से ही दर्ज की जा रही है. अक्टूबर महीने में बिजली की खपत 700 मेगावाट से घट कर 450 मेगावाट के आसपास पहुंच गयी थी. त्योहार के दिनों में भी बढ़कर 500 मेगावाट के आस-पास रही. पूरे बिहार की बात करें तो गर्मियों के दिनों में राेजाना 7000 मेगावाट बिजली पीक आवर में खपत होती है. फिलहाल राजधानी में सबसे ज्यादा बिजली की खपत अधिकतम 68 मेगावाट दीघा ग्रिड में की जा रही है और सबसे न्यूनतम खपत लगभग 10 मेगावाट फतुहा ग्रिड से की जा रही है. पेसू से मिली जानकारी के अनुसार साल के मार्च महीने में बिजली की खपत फिर से बढ़ जायेगी.