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देवघर : सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने अतिरिक्त अनुदान की मांग पर चर्चा में कांग्रेस पर साधा निशाना

डॉ दुबे ने कहा कि माेदी सरकार देश के 80-81 करोड़ लोगों को 2028 तक मुफ्त अनाज इसलिए दे रही है, ताकि वे स्वतंत्रता से अपना रोजगार, व्यापार करते रहें. इस तरह वह बचत करके आत्मनिर्भर बन सकें. मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में जो किया है, वह ‘न भूतो न भविष्यति’ है.

देवघर : लोकसभा में सोमवार को गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे वर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक अनुदान व वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांग पर चर्चा में हिस्सा लिया. चर्चा में सांसद डॉ दुबे ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद 1947 से लेकर 1991 तक लगभग 54 साल इस देश में ‘लाइसेंस, परमिट और कोटा राज’ रहा. उन्होंने कहा : इस दौरान चारपहिया वाहन, दुपहिया वाहन या सीमेंट उत्पादन कांग्रेस के करीबी कुछ औद्योगिक घराने ही करते थे. अन्य किसी को लाइसेंस नहीं दिया जाता था. इस कारण कांग्रेस को इस दौर में भी उद्योगपति ही नजर आ रहे हैं. कांग्रेस को चुनौती है कि वह बताये कि देश में 5जी, 4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में किस कंपनी को शामिल होने से भारत सरकार रोक रही है? आज अनेक कंपनियां सीमेंट बना रही हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों में सरकार आज जिस तरह प्रोत्साहन दे रही है, वह कांग्रेस को दिख नहीं रही है. कोई आंख पर पट्टी बांध ले तो क्या कर सकते हैं.


पीएम मोदी को गांव, गरीब व किसान की चिंता

सांसद डॉ दुबे ने कहा : आज पूरी दुनिया कहती है कि कोरोना महामारी के बाद विश्व की अर्थव्यवस्था तबाह हुआ है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस तथा जर्मनी जैसे विकसित देशों में भी ऋण 10 प्रतिशत की ब्याज पर मिल रहा है. पूरी दुनिया में आज मुद्रास्फीति की दर 10 से ज्यादा है, जबकि भारत में पांच प्रतिशत के आसपास है. सांसद डॉ दुबे ने कहा कि ‘‘क्या इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद नहीं देना चाहिए? क्या देश को गौरवान्वित नहीं होना चाहिए. डॉ दुबे ने कहा : विपक्ष के सदस्य पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं होने की बात करते हैं, लेकिन क्या उन्हें भारत सरकार के प्रस्ताव के अनुसार इन दोनों चीजों को जीएसटी के दायरे में लाने पर आम-सहमति नहीं बनानी चाहिए. पेट्रोल, डीजल के जीएसटी के दायरे में आने के बाद भी दाम अधिक हों, तब कहा जा सकता है कि केंद्र के कारण ऐसा हो रहा है, लेकिन कांग्रेस के शासन वाली राज्य सरकारें अपने यहां टैक्स कम करके राहत नहीं देतीं. उन्होंने कहा : पीएम मोदी पहले और अब तक के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने आपदा प्रबंधन के लिए अपनी सोच रखी और जिन्हें गांव, गरीब तथा किसान की चिंता है.

मोदी सरकार में पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी बढ़ी

डॉ दुबे ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड में सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए इस सरकार ने किस देश और किस संस्था से संपर्क नहीं किया? उन्होंने पूर्वोत्तर का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 में पीएम मोदी की सरकार के आने से पहले देश में इस क्षेत्र की क्या स्थिति थी, उसे सब जानते हैं. आज पूर्वोत्तर के किसी भी क्षेत्र में जाने के लिए कनेक्टिविटी बढ़ी है. आज त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश तक ट्रेन जा रही है. डॉ दुबे ने कहा कि कांग्रेस आदिवासियों का वोट लेने के बारे में सोचती है, लेकिन उनकी सुविधाओं के बारे में नहीं सोचती. भारत पहला ऐसा देश है, जिसने जैविक खाद की दिशा में सोचते हुए नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की तकनीक को बढ़ाया और अब किसानों को 50 किलोग्राम खाद का बोरा नहीं ढोना पड़ेगा. केवल पांच सौ मिलीलीटर तरल उर्वरक से काम हो जायेगा. डॉ दुबे ने कहा कि माेदी सरकार देश के 80-81 करोड़ लोगों को 2028 तक मुफ्त अनाज इसलिए दे रही है, ताकि वे स्वतंत्रता से अपना रोजगार, व्यापार करते रहें और उन्हें अपने भोजन के बारे में नहीं सोचना पड़े और इस तरह वह बचत करके आत्मनिर्भर बन सकें. मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में जो किया है, वह ‘न भूतो न भविष्यति’ है.

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