डीपीएस बोकारो में 10वीं कक्षा के विद्यार्थी सर्वज्ञ और कक्षा नौवीं के ऋषित शांडिल्य ने गौ-रक्षा की दिशा में एक अनूठा इजाद किया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) सेंसर की मदद से गायों व अन्य मवेशियों की बीमारी का पता कर एक विशेष वेब एप के जरिए उनका सही समय इलाज अब संभव हो सकेगा. गौ-रक्षा की इस पहल से संबंधित अपने इस सॉफ्टवेयर को उन्होंने नंदिनी का नाम दिया है.
एक बीमार गाय को देखने के बाद सूझा आइडिया
बच्चों ने बताया कि एक बीमार गाय को देखने के बाद उनके मन में यह आइडिया सूझा और पशुपालकों व पशु चिकित्सकों की मदद करने के उद्देश्य से उन्होंने नया आविष्कार कर डाला. बता दें कि उनकी यह नवोन्मेषता राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (एनसीएससी) के राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित हो चुकी है. विद्यार्थियों ने मवेशियों की स्वास्थ्य-जांच से जुड़ा एक प्रोटोटाइप मॉडल बनाया है.
एक टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म तैयार करना उद्देश्य
वेब ऐप नंदिनी के माध्यम से चौपाया मित्रों की जांच कराने के बाद पशुपालक चिकित्सकों से संपर्क कर स्वास्थ्य से जुड़े सुझाव और उपचार के लिए दवा भी पा सकते हैं. इस परियोजना की परिकल्पना मवेशियों में प्रारंभिक बीमारी का पता लगाने के लिए एआइ-सक्षम प्रणाली विकसित कर उपयोगकर्ताओं को पशु चिकित्सकों के साथ जोड़ने के लिए एक टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म तैयार करना है.
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पशु चिकित्सकों व पशुपालकों के बीच मिटेगी दूरी
टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म पशु चिकित्सकों और पशुपालकों के बीच की दूरी को पाट देगा, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए पेशेवर सलाह व सेवाओं तक पहुंच आसान हो जायेगी. सर्वज्ञ ने बताया : उनका यह मॉडल खास तकनीक पर आधारित है, जिसमें सेंसर के जरिए पशुओं की हृदय-गति और उनके शरीर के तापमान को मापकर वेब एप पर जानवरों के संभावित रोगों की जानकारी मिलती है.
26 बीमारियों और 94 लक्षणों का पर डेटाबेस
मॉडल को बनाने में बच्चों को लगभग 900 रुपये तक का खर्च आया है, जिसमें नंदिनी वेब ऐप के अलावा इलेक्ट्रिकल बोर्ड और सेंसर जुड़े हैं. तीन तरह के सेंसर गाय के शरीर में घंटी के पास लगे होंगे, जिनसे उनके शरीर का तापमान, ब्लड ऑक्सीजन व हृदय की धड़कन को मापा जायेगा. उसी के आधार पर वेब एप पर सूचना मिलेगी. 26 बीमारियों और 94 लक्षणों का डेटाबेस तैयार किया गया है.
2444 पैरामीटर के आधार पर तैयार किया गया है प्रोजेक्ट
प्रोजेक्ट में मवेशियों में बीमारियों के निदान के लिए दो एआइ मॉडल विकसित किये गये हैं. पहला सेंसर से मिले लक्षण संबंधी इनपुट के आधार पर काम करता है, जबकि दूसरा कंप्यूटर दृष्टि का उपयोग करके गांठ की समस्या से निजात दिलाती है. पहला मॉडल मवेशियों में 26 तरह के रोगों के 94 लक्षणों और 2444 पैरामीटर के आधार पर तैयार किया गया है. इनमें ब्रूसिलोसिस, गलघोंटू, ब्लैक लेग, लंपी आदि शामिल हैं. सर्वज्ञ सिंह के पिता धनंजय कुमार, बोकारो स्टील प्लांट में महाप्रबंधक (धमन भट्ठी) है व मां रीता कुमारी सिंह गृहिणी है. ऋषित शांडिल्य के पिता राकेश शांडिल्य, व्यवसायी है व मां नूतन शांडिल्य गृहिणी है.
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