नवादा. किऊल- गया रेलखंड पर नवादा से होकर गुजरने वाली सप्ताहिक ट्रेन जसीडीह-पुणे एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होने के कारण जिलेवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हर सप्ताह जिले भर से पुणे एक्सप्रेस से करीब 500 यात्री अपना टिकट बुक कराते है. जिन्हें पुणे एक्सप्रेस ट्रेन को पकडने के लिए किऊल-या फिर गया जा कर ट्रेन पकड़ना पड़ता है. जबकी, वह ट्रेन नवादा स्टेशन होते हुए जाती है. ट्रेन का परिचालन लगभग दो साल पहले चालू किया गया था. उस समय पूरे शहर में खुशी की लहर छा गयी थी कि अब मुंबई पुणे जाने के लिए भी नवादा स्टेशन से सुविधा मिलेगी. परंतु, जब ट्रेन चालू हुई, तो किऊल से सीधे गया स्टॉप दिया गया है. किऊल-गया रेलखंड के बीच सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य जिला नवादा स्टेशन पड़ता है.
ठहराव की मांग को लेकर उठती रही हैं आवाज
ट्रेन का ठहराव नहीं होने से शहरवासी को निराशा हाथ लगी और तब से अब तक सब आस लगाये बैठे हैं कि आज नहीं, तो कल यहां के नेता इसका ठहराव करा देंगे. फिलहाल मामला जस का तस ही बना हुआ है. ट्रेन के ठहराव को लेकर सांसद चंदन कुमार ने भी कई बार आश्वासन दिया, जबकि साप्ताहिक ट्रेन गोंडा से दिल्ली के लिए हर सोमवार को खुलती है, जो नवादा में रूकती है, परंतु पुणे एक्सप्रेस का स्टॉपेज नवादा में नहीं है. गोड्डा दिल्ली एक्सप्रेस हर सप्ताह ट्रेन से सैकड़ों यात्री दिल्ली के लिए यात्रा करते हैं. इसी तरह से यदि पुणे एक्सप्रेस का ठहराव हो जाये, तो सैकड़ों छात्र- छात्राओं को पढ़ने जाने के लिए कहीं दूसरे शहर से ट्रेन नहीं पकड़ना पड़ेगा.
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कई धार्मिक स्थालों को जोड़ता है नवादा शहर
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों लोग मुंबई में अपनी रोजी-रोटी के लिए कमाई करने जाते हैं. उन्हें भी गया या किऊल से ट्रेन जाकर पकड़ना होता है. जबकि, शहरवासियों का कहना है कि इस ट्रेन का ठहराव भले ही नवादा स्टेशन पर न हो, पर अन्य स्टेशनों पर कभी सिग्नल की वजह से तो कभी पटरी मेंटेनेंस की वजह से ट्रेन रोक दी जाती है पर, दो मिनट स्टेशन पर इसका ठहराव नहीं दिया जा रहा है. इससे परेशानी हो रही है. नवादा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि जैनियों के लिये दिगंबर जैन मंदिर जो भगवान महावीर के 24वें व अंतीम तीर्थंकर उनके प्रथम मुख्य शिष्य गौतम गणधर स्वामी की निर्वाण स्थली है. इसके बाद भगवान महावीर की जन्मस्थली लछुआड़ जाने के लिए कई प्रदेशों से जैन समाज के लोग नवादा पहुंचते है. सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर जो कि 20 किलोमीटर की दूरी पर यहां देश विदेश से प्रत्येक दिन हजारो सैलानियो का आना होता है. वहां जाना भी नवादा से सहज है.
क्या कहते है शहरवासी
मैं मुंबई में ही काम करता हूं. पर्व या कोई जरूरी काम होता है, तब अपने शहर आता हूं. मैं अक्सर पटना होकर ही आना जाना करता हूं. यदि पुणे एक्सप्रेस का नवादा में ठहराव हो जाये, तब हमलोगों को बहुत बड़ी सुविधा मिल जायेगी और समय भी बचेगा.
-ज्ञान प्रकाश आर्य, रामनगर
हमलोगों को बिजनस के काम से मुंबई पुणे जाना होता है. ऐसा नही है कि नवादा में इसका यात्री नहीं है. सैकड़ो की संख्या में लोग नवादा से मुम्बई पुणे जाते है. यहां के नेता आगे आयें और इस ट्रेन के ठहराव के लिए पहल करें. इसके लिए मैंने भी रेल अधिकारी को लिखित आवेदन दिये है.
राजेश्वर प्रसाद राजेश, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्स
नवादा से अच्छा खासा यात्री यहां मुंबई पुणे के लिए रवाना होते है. यहां से टिकट भी मिलता है. एकमात्र सप्ताहिक जसीडीह पुणे ट्रेन भी गुजरती है, परंतु इसका ठहराव नहीं होने के कारण हमलोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां इसका ठहराव होना बहुत जरूरी है.
-गौरव कुमार, शहरवासी
नवादा से मुंबई के लिए सीधे एक भी ट्रेन नहीं है. किऊल-गया रूट में नवादा होकर चलने वाली साप्ताहिकी ट्रेन पुणे एक्सप्रेस यहां रुकती तो अच्छा होता. जबकि टिकट यही नवादा स्टेशन से कटा कर फिर गया, जाकर ट्रेन पकड़ना पड़ता है. जबकि यह ट्रेन नवादा होकर आती है.
विजय जैन, दुकानदार
कई बार रेलमंत्री से लेकर कई उच्च अधिकारियो को पुणे एक्सप्रेस के ठहराव को लेकर लिखित आवेदन देकर इससे अवगत कराये हैं, फिर भी कुछ नहीं हो सका है. पुणे एक्सप्रेस का ठहराव होना चाहिए.
ब्रजेश राय, अध्यक्ष, दवा बिक्रेता संघ
क्या कहते है सीसीटीसीइ
सप्ताहिक जसीडीह पुणे एक्सप्रेस में हर सप्ताह लगभग 500 यात्रीयो का टिकट रिजर्वेशन हो ही जाता है. ये सभी यात्रियों की टिकट गया या किऊल का स्थान दिया जाता, क्योंकि पुणे एक्सप्रेस का नवादा स्टेशन पर ठहराव नहीं है.
– नीरज कुमार, सीनियर सीसीटीसीइ, नवादा