स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से झारखंड के देवघर सदर अस्पताल में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव को लेकर लगातार संदिग्ध महिलाओं की स्क्रीनिंग व जांच की जा रहा है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्रायो ट्रीटमेंट के लिए उपकरण भी उपलब्ध कराये गये हैं. इसके तहत सदर अस्पताल में जुलाई माह से दिसंबर माह में अबतक सर्वाइकल कैंसर के संदिग्ध 93 महिलाओं की जांच कर सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. विभाग के अनुसार इसमें अच्छी बात हैं कि अबतक किसी भी महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पहचान नहीं हुई है. वहीं सदर अस्पताल के महिला ओपीडी में हर दिन महिला चिकित्सकों की ओर से महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा रही है. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, सितंबर माह से लेकर अबतक सदर अस्पताल में 94 महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर को लेकर स्क्रीनिंग की गयी है. मौके पर महिला चिकित्सक डॉ परमजीत कौर ने कहा कि अस्पताल के ओपीडी में जो भी महिलायें पहुंच रही हैं, संदिग्ध होने पर उनकी स्क्रीनिंग और जांच की जा रही है. इससे महिलाओं को काफी सुविधा मिल रही है. झारखंड के 14 सदर अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध है. नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित डॉ भारती कश्यप ने अपने खर्चे पर राजधानी रांची के सदर अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए मशीन लगवाई थी. इतना ही नहीं, उन्होंने पूरे झारखंड में महिला रोग विशेषज्ञों को सर्वाइकल कैंसर की जांच और उसके इलाज की ट्रेनिंग दिलवाई. इसके लिए उन्होंने दिल्ली और मुंबई से कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलाया और सुदूरवर्ती गांवों में भी जाकर सर्वाइकल कैंसर जांच एवं उन्मूलन अभियान चलाए. उन्होंने झारखंड के सदर अस्पतालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई है.
स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग तथा आइएमए वीमेन विंग की ओर से सदर अस्पताल में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल को कोल्पोस्कोप और क्रायोथैरेपी मशीन उपलब्ध करायी गयी थी. इसका उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया था, ताकि महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से बचाया जा सके. इस दौरान चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को अत्याधुनिक मशीनों से जांच कर क्रायो उपचार का प्रशिक्षण भी दिया गया था, ताकि जननांग संबंधित सूजन की जांच गर्भाशय ग्रीवा प्री- कैंसर की जांच इस मशीन से किया जाये और स्क्रीनिंग की जा सके और इससे महिलाओं को संक्रमण से बचाया जा सके.
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‘झारखंड मॉडल’ की देश भर में है चर्चा
डॉ भारती कश्यप नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं, लेकिन वह समाजसेवा के क्षेत्र में भी काफी सक्रिय रहतीं हैं. सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ तो उन्होंने जंग ही छेड़ रखी है. उनकी पहल के बाद झारखंड सरकार ने उनके साथ हाथ मिलाया. डॉ भारती कश्यप ने देश-दुनिया के कैंसर रोग विशेषज्ञों की मदद से झारखंड के लिए स्पेशल ‘झारखंड मॉडल’ तैयार किया, जिसकी आज पूरे देश में सराहना हो रही है. झारखंड की इस जीवट महिला डॉक्टर ने सर्वाइकल कैंसर रिसर्चर, सर्वाइकल कैंसर कैंपेनर ऑफ झारखंड, आई डोनेशनल कैंपेनर और एक बेहतरीन समाजसेवी के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है. इन्हें झारखंड में गरीबों के डॉक्टर के नाम भी जाना जाता है, क्योंकि वह चैरिटी के तहत बेहद गरीब लोगों का मुफ्त में इलाज करतीं हैं.
2 साल 8 महीने में सर्वाइकल कैंसर की 1121 संदिग्ध मरीज मिलीं
पिछले 2 साल आठ महीने में झारखंड में सर्वाइकल प्री कैंसर के कुल 1121 संदिग्ध मरीज मिले. सिर्फ 8 महीने में 529 संदिग्ध मरीज मिले हैं. नवंबर में कुल 9672 महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई. बता दें कि जनसंख्या के हिसाब से गोड्डा, बोकारो, लोहरदगा में लक्ष्य से ज्यादा स्क्रीनिंग की गई. टाटा ट्रस्ट कियोस्क की जांच में सबसे ज्यादा 39 संदिग्ध मरीज मिले . हजारीबाग में 8, पूर्वी सिंहभूम में 5, लोहरदगा में 4, गढ़वा में 4, पाकुड़ में 4, दुमका में 3, गोड्डा में 3, खूंटी में 3, रांची में 3, पश्चिमी सिंहभूम में 2, लातेहार में 2, जामताड़ा में 2, गुमला में 2, बोकारो, कोडरमा, रामगढ़ तथा सिमडेगा में 1-1 संदिग्ध मरीज मिले हैं.