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कैसे रूकेगी गुमला में सड़क दुर्घटना ? शहरवासियों ने प्रभात खबर से खास बातचीत में कही ये बात

लायंस क्लब ऑफ गुमला के अध्यक्ष शंकर जाजोदिया ने कहा कि सिर्फ टाउन में या अधिक थाना चौक के पास हेलमेट चेकिंग होती है. हेलमेट चेकिंग टाउन से बाहर होनी चाहिए. टाउन में सीसीटीवी लगे हैं, जो लोग अधिक स्पीड गाड़ी चलते हैं या बहुत रफ चलाते हैं.

जगरनाथ, गुमला:

गुमला में सड़क हादसों से हो रही मौत चिंता का विषय बन गया है. इस संबंध में गुमला के प्रबुद्ध लोगों ने प्रभात खबर पाठक मंच के माध्यम से सड़क हादसे के रोकने के लिए कुछ सुझाव दिये हैं. प्रबुद्ध लोगों ने कहा है कि अगर प्रशासन इस पर काम करें, तो सड़क हादसे में हो रही मौत को कम किया जा सकता है. शिक्षक संजीत पन्ना ने कहा है कि आजकल लगभग सभी गाड़ियों में बहुत तेज रोशनी वाली लाइट आ गयी है. शहर के भीड़भाड़ क्षेत्र में भी लोग डिपर लाइट नहीं, अपर लाइट के साथ चलते हैं.

मेरे विचार से यह भी दुर्घटना का एक कारण हो सकता है. लायंस क्लब ऑफ गुमला के अध्यक्ष शंकर जाजोदिया ने कहा कि सिर्फ टाउन में या अधिक थाना चौक के पास हेलमेट चेकिंग होती है. हेलमेट चेकिंग टाउन से बाहर होनी चाहिए. टाउन में सीसीटीवी लगे हैं, जो लोग अधिक स्पीड गाड़ी चलते हैं या बहुत रफ चलाते हैं. उस पर कार्रवाई करें. जिस पर पर अधिक दुर्घटना होती है, वहां चिह्नित कर जांच करने का प्रयास करें. गुमला धर्मप्रांत कैथोलिक संघ के अध्यक्ष सेत कुमार एक्का ने कहा है कि प्रशासन की ओर से कोई भी अतिरिक्त प्रयास नहीं किया जाता है कि दुर्घटना न हो. पीसीआर गाड़ी भी लापरवाही से बिना हेलमेट और ओवरटेक करने वाले वाहन चालकों को रोक-टोक नहीं करती है. जबकि अधिकांश दुर्घटनाएं और मौत इन्हीं कारणों से होती है. मुझे लगता है नागरिक संगठनों को ही आगे आना होगा. ट्रैक्टर वाले कुछ सुधरे हैं, तो टेंपो वालों का भी तांडव मचा हुआ है.

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जब मौका मिला न आगे देखा न पीछे, टेंपो घुमा कर खतरा पैदा कर देते हैं. जिस तरह से बाइक की रफ्तार है, उससे भी अधिक चालकों की लापरवाही, ओवरटेक और बिना हेलमेट पहने चलाना है. ऐसा लगता है कि जवान लड़कों की आधी आबादी दुर्घटना से खत्म हो जायेगी. नीलेश मेडिकल हॉल पालकोट रोड गुमला के मालिक दिलीप कुमार नीलेश ने कहा है कि प्रशासन को इसमें कड़ाई करनी चाहिए. तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वाले वाहनों को रोक कर ऐसे चालकों पर कार्रवाई करने की जरूरत है. तेज रफ्तार पर जिस दिन रोक लग जायेगी. हादसों से मौत की संख्या घट जायेगी. सिर्फ जुर्माना वसूलने से कुछ नहीं होगा. सख्ती से कार्रवाई की जरूरत है.

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