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भारत में पाकिस्तानी फंडिंग नेटवर्क का मास्टरमाइंड कौन है? बिहार में अब EOU करेगी पूरे मामले की जांच

बिहार की आर्थिक अपराध इकाई अब भारत में पाकिस्तानी फंडिंग मामले की जांच करेगी. भारत में पाकिस्तानी फंडिंग कराने वाले मास्टरमाइंड की तलाश अब तेज हो गयी है. इस फंडिंग का किशनगंज कनेक्शन भी सामने आया है. जानिए क्या है पूरा मामला..

Bihar News: नेपाल के रास्ते भारत में हो रही पाकिस्तानी फंडिंग मामले की जांच अब राज्य की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) करेगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार डीजीपी के आदेश पर इस मामले की जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा गया है. संभव है कि जल्द ही आर्थिक अपराध के अधिकारी पूर्णिया के सेंट्रल जेल में बंद तीन भारतीय एजेंटों को रिमांड पर लेकर बारीकी से पूछताछ करेगी.

ATS ने की जेल में बंद एजेंटों से पूछताछ

साइबर पुलिस के डीएसपी कौशल किशोर कमल ने बताया कि अबतक के सभी मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई द्वारा किया जायेगा. पूर्णिया पुलिस अब जांच में सहयोगी की भूमिका में रहेगी. इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तानी फंडिंग मामले में सेंट्रल जेल में बंद तीन भारतीय एजेंट से पटना से पहुंची एटीएस की चार सदस्यीय टीम द्वारा गहन पूछताछ की गयी थी. संभव है कि एटीएस के पूछताछ के बाद ही इस मामले की जांच आर्थिक इकाई अपराध को सौंपा जा रहा है. अब तक के जांच पड़ताल में यह पता चला है कि बीते एक वर्ष के दौरान पाकिस्तान से वाया नेपाल भारत के विभिन्न बैंकों के खाते में 100 करोड़ से अधिक रकम एटीएम मशीन द्वारा जमा की जा चुकी है.

पाकिस्तान ने किशनगंज में भी भेजी मोटी रकम

साइबर पुलिस के डीएसपी ने बताया कि जांच के दौरान यह भी पता चला है कि पाकिस्तान से भेजी जाने वाली 70 प्रतिशत रकम यूपी के फरीदाबाद स्थित बैंकों में जमा हुए हैं. मंगलवार को पूर्णिया पुलिस ने नोएडा स्थित एक बैंक के खाते में जमा एक करोड़ 68 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया था. पूर्णिया पुलिस के गठित टीम ने अनुसंधान के क्रम में यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान फंडिंग मामले में सीमांचल के किशनगंज स्थित बैंक खातों में वाया नेपाल मोटी रकम भेजी गयी है.

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आर्थिक अपराध इकाई की जांच से मास्टर माइंड का होगा खुलासा

पूर्णिया पुलिस के जांच में अबतक यह पता नहीं चल सका है कि पाकिस्तान से वाया नेपाल भारत में भेजे जाने वाले फंडिंग मामले का मास्टर माइंड कौन है. वह किस प्रकार से पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में हैं. हाल ही में एसपी आमिर जावेद ने बताया था कि पाकिस्तानी फंडिंग मामले में अररिया के गिरफ्तार तीन भारतीय एजेंट महज एक छोटे से प्यादे हैं, इस काम का मास्टर माइंड कोई और है,जिसका पता लगाया जा रहा है. तब उन्होंने बताया था कि जिस प्रकार से पाकिस्तानी फंडिंग वाया नेपाल भारत में की जा रही है, यह साधारण लोगों का काम नहीं है.

कैसे हुआ खुलासा..

बता दें कि बीते 1 दिसंबर को जब एक व्यक्ति का मोबाइल गुम हुआ और उसने थाने में उसकी शिकायत की तो पूरे खेल का पता चला. पुलिस ने मोबाइल को बरामद कर लिया. जिसके बाद पता चला कि उक्त फोन के पे फोन से ऑनलाइन शॉपिंग कर ली गयी थी. पुलिस ने साइबर फ्रॉड का मामला मानते हुए इसकी जांच शुरू की. इसी क्रम में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. तीनों अररिया के रहने वाले हैं. जिनसे पूछताछ के बाद बड़ा खुलासा हुआ. तीनों पाकिस्तानी आका के लिए एजेंट का काम कर रहे थे और भारत के बैंक खातों में पैसे डाल रहे थे.

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