रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. पिछले 4 साल में पहली बार शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी सदन में मौजूद रहे. सदन में पहले दिन शोक प्रस्ताव रखा गया. विधानसभा के बाहर विपक्षी बीजेपी ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू कैश बरामदगी मामले में सरकार को घेरा. धीरज साहू को गिरफ्तार करने और पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए तख्तियां हाथों में लिए बीजेपी विधायकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. इससे पूर्व संसद भवन की सुरक्षा में चूक मामले को देखते हुए विधानसभा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. करीब एक हजार पुलिसकर्मी विधानसभा की सुरक्षा में तैनात रहे. सुरक्षा व्यवस्था में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर भी मौजूद रहे.
स्थानीय नीति विधेयक के साथ पढ़ा गया राज्यपाल का संदेश
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को राज्यपाल द्वारा लौटाए गए 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक के साथ राज्यपाल का संदेश भी पढ़ा गया. राज्यपाल के संदेश को पढ़ते हुए स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि इस बिल को चर्चा के लिए अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया के पास भेजा गया था. उनके मंतव्य के अनुसार यह बिल संवैधानिक नहीं हैं. यह संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन करता है. बिल के अनुसार झारखंड सरकार वर्ग तृतीय और चतुर्थ पदों पर केवल स्थानीय लोगों का ही आवेदन ले सकती है. इस पर अटॉर्नी जनरल ने आपत्ति जताई है.
सरकार ला सकती है स्थानीय नीति बिल 2023
सुझाव में कहा गया है कि राज्य सरकार के तहत तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों पर आवेदन करने से स्थानीय व्यक्तियों के अलावा अन्य व्यक्तियों को रोकना संविधान की भावना के अनुरूप नहीं हो सकता है. इसलिए सारे लोगों का आवेदन जरूर लें, लेकिन प्राथमिकता स्थानीय लोगों को ही दें. ऐसी स्थिति में इस बिल को लागू नहीं किया जा सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार एक बार फिर से इस बिल को इसी सत्र में स्थानीय नीति बिल 2023 ला सकती है.