रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित असैनिक संयुक्त परीक्षा (सिविल सेवा) के लिए संशोधित नियमावली को शुक्रवार को कैबिनेट से स्वीकृति मिल गयी है. एल ख्यांग्ते की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा नियमावली 2021 में कई बिंदुओं पर संशोधन किया गया है. नियमावली को स्वीकृति मिलने से 11वीं सिविल सेवा परीक्षा का रास्ता साफ हो गया है. संशोधित नियमावली के तहत अब सिविल सेवा परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों की आयु न्यूनतम 21 वर्ष तथा विज्ञापन वर्ष के एक अगस्त को अधिकतम 35 वर्ष होनी चाहिए.
इसके अलावा प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा व मेरिट लिस्ट के लिए न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स अनारक्षित के लिए 40 प्रतिशत, एसटी/एससी के लिए 32 प्रतिशत, इबीसी वन के लिए 34 प्रतिशत, बीसी टू के लिए 36.5 प्रतिशत, पीटीजी के लिए 30 प्रतिशत तथा इडब्ल्यूएस के लिए 40 प्रतिशत निर्धारित की गयी है. इसी तरह मुख्य परीक्षा (लिखित) में पेपर वन लैंग्वेज में (सामान्य हिंदी व सामान्य अंग्रेजी) सिर्फ क्वालिफाइ करना होगा, इसके अंक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़े जायेंगे. किसी भी तरह के आरक्षण का लाभ लेनेवाले अभ्यर्थियों को आरक्षित श्रेणी में ही रखा जायेगा.
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परीक्षा का परिणाम आयोग द्वारा मेरिट लिस्ट के आधार पर जारी किया जायेगा. मुख्य परीक्षा में बैठने की योग्यता पीटी की परीक्षा में प्राप्तांक के अनुसार कुल रिक्तियों के 15 गुना अभ्यर्थियों को होगी. इसमें महिला, दिव्यांग को भी क्षैतिज आरक्षण के तहत 15 गुना भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी. संशोधित नियमावली के तहत इंटरव्यू के लिए अनारक्षित श्रेणियों की रिक्तियों का ढाई गुना अभ्यर्थियों की सूची तैयार होगी, जिसमें अंतिम अभ्यर्थी का प्राप्तांक को अनारक्षित श्रेणी का कट ऑफ मार्क्स होगा.
विधानसभा में नियुक्ति व प्रोन्नति घोटाले की जांच रिपोर्ट पर विधानसभा सचिवालय करेगा कार्रवाई
मंत्रिपरिषद ने झारखंड विधानसभा सचिवालय में नियुक्तियों व प्रोन्नतियों में बरती गयी अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट को आवश्यक कार्रवाई के लिए विधानसभा सचिवालय को उपलब्ध कराने की मंजूरी दी. जांच रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय न्यायिक आयोग ने तैयार की है. श्री मुखोपाध्याय ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विक्रमादित्य प्रसाद की अध्यक्षता में गठित आयोग द्वारा दिये गये जांच प्रतिवेदन के जटिल विधि व तथ्यों का समाधान करते हुए राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट दी थी.
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झारखंड आंदोलनकारियों के आश्रितों को पांच प्रतिशत आरक्षण
एसटी, एससी, महिलाओं व दिव्यांग उद्यमियों को पांच प्रतिशत का अतिरिक्त अनुदान