Brahmeshwar Mukhiya Murder Case: बिहार के बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले की जांच में एक बड़ा मोड़ आया है. रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने पूरक चार्जशीट आरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में दायर किया है और इस हत्याकांड में पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय समेत कुल 8 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई की ओर से दायर इस चार्जशीट में बताया गया है कि पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय (Hulas Pandey) ने सात अन्य नामजद के साथ मिलकर ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या की साजिश रची थी. चार्जशीट में बताया गया है कि घात लगाकर बैठे हुलास पांडेय समेत अन्य ने मिलकर 1 जून 2012 को सुबह टहलने निकले ब्रह्मेश्वर मुखिया पर ताबड़तोड़ गोली चलायी थी जिससे उनकी मौत हो गयी थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने रणवीर सेना के प्रमुख रहे ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले में आरा की अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है. इसमें पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय समेत 8 लोगों को चार्जशीट किया गया है. आरोप पत्र में सीबीआई ने हैरान करने वाले दावे किए हैं. बताया गया है कि ब्रह्मेश्वर मुखिया को गोली मारने वालों में खुद हुलास पांडेय भी शामिल थे. चार्जशीट में कहा गया कि सात अन्य आरोपितों के साथ मिलकर हुलास पांडेय ने ब्रह्मेश्वर नाथ सिंह उर्फ ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या की साजिश रची थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि हत्या की साजिश के तहत ही 1 जून 2012 को सभी आरोपित आरा के कतिरा मोड़ पर अहले सुबह 4 बजे घात लगातर मौजूद थे. ब्रह्मेश्वर मुखिया रोजाना की तरह उस दिन भी सुबह टहलने के लिए निकले. जब वो अपने आवास की गली के पास पहुंचे तो घात लगाकर बैठे आरोपितों ने नजदीक से ब्रह्मेश्वर मुखिया को गोलियों से छलनी कर दिया. बताया गया कि 6 गोली मारकर ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या कर दी गयी थी. ब्रह्मेश्वर मुखिया को गोली मारने वाले में पूर्व एमएलसी हुलास पांडे भी शामिल थे.
बता दें कि 1 जून 2012 को अहले सुबह ही आरा में ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या कर दी गयी थी. घात लगाए बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर ब्रह्ममेश्वर मुखिया की हत्या की थी. वहीं 12 जुलाई 2013 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी थी. ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या से जुड़े एफआइआर आरा के नवादा थाने में दर्ज किया गया था. जिसमें अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. सीबीआई ने 10 साल तक इस केस की जांच की है. इस मामले में करीब 9 साल तक सीबीआई के हाथ खाली ही रहे थे. बाद में जनवरी 2021 को सीबीआई की ओर से पोस्टर जारी किया गया था. इसमें हत्याकांड को सुलझाने और अहम सुराग देने वालों को 10 लाख रुपए इनाम देने की बात कही गयी थी. सीबीआई की ओर से दो बार ऐसे पोस्टर शहर में कई जगह चस्पा किए गए थे. बाद में जांच के दौरान कुछ अहम सुराग एजेंसी के हाथ लगे थे. इससे पहले भी चार्जशीट में सीबीआई ने कुछ लोगाें को आरोपित बनाया था. अब 8 लोगों के और नाम चार्जशीट में दिए गए हैं. पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय का नाम इसमें चौंकाने वाला है.