पश्चिम बंगाल कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) चार दिवसीय दिल्ली दौरे पर है. इस दौरे के मुख्य उद्देश्य I-N-D-I-A गठबंधन की बैठक में शामिल होना व बकाया को लेकर प्रधानमंत्री के साथ बैठक करना है. इसके अलावा भी सुश्री बनर्जी के कई कार्यक्रम हैं. मुख्यमंत्री के साथ अभिषेक बनर्जी भी नयी दिल्ली गये हैं. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री के साथ होनेवाली बैठक में अभिषेक भी मौजूद रहेंगे. सोमवार अपराह्न तीन बजे के करीब दिल्ली के बंग भवन में पार्टी के सांसदों के साथ मुख्यमंत्री बैठक करेंगी. मंगलवार को I-N-D-I-A गठबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री हिस्सा लेंगी. बुधवार को सुबह 11 बजे संसद भवन में प्रधानमंत्री के साथ उनकी बैठक होगी. इसके पहले इंडिया गठबंधन की बैठक की सूचना नहीं मिलने की जानकारी मुख्यमंत्री ने दी थी. इसके बाद बैठक को रद्द कर दी गयी थी.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नये संसद भवन में सुरक्षा चूक मामले पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह काफी गंभीर मामला है. इस मामले के आरोपियों में शामिल ललित मोहन झा के पश्चिम बंगाल से संबंध होने की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने दावा किया कि यह बंगाल को बदनाम करने की भाजपा की चाल है. बंगाल से इस घटना का कोई संबंध नहीं. 13 दिसंबर को दो युवक शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गये थे और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की, जिसके बाद सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था. ममता ने दिल्ली रवाना होने से पहले यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, “संसद की सुरक्षा में सेंध एक गंभीर मामला है. एक बड़ी चूक हुई. केंद्रीय गृह मंत्री पहले ही यह स्वीकार कर चुके हैं. उन्हें इसकी जांच करने दीजिए.
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तृणमूल सुप्रीमो ने स्वास्थ्य केंद्रों को भगवा रंग में रंगने संबंधी केंद्र के निर्देश का जिक्र करते हुए भाजपा पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पार्टी यह भी तय करने की कोशिश कर रही है कि लोगों को क्या खाना या पहनना चाहिए. उन्होंने कहा, “आप देख सकते हैं कि सभी मेट्रो स्टेशन को भगवा रंग में रंगा जा रहा है. मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि सिलीगुड़ी के सुकना में सभी घरों को भगवा रंग में रंग दिया गया है. हम इस पर भी आवाज उठायेंगे. हमें स्वास्थ्य केंद्रों को भगवा रंग में क्यों रंगना चाहिए? हमने पहले ही उन्हें नीले और सफेद रंग में रंग दिया है, जो हमारी पार्टी का रंग नहीं है, बल्कि हमारी राज्य सरकार का ब्रांड है. हमने सबसे पहले ‘कलर कोड’ शुरू किया था. क्या हर जगह हमें भाजपा का ‘लोगो’ लगाना होगा और भाजपा के रंग में रंगना होगा? यह लोगों को भ्रमित करने की एक सोची समझी साजिश है.”