Opposition Meeting In Delhi: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar ) सोमवार को दिल्ली जा रहे हैं. पटना में जनता के दरबार कार्यक्रम में फरियादों की अर्जी सुनने के बाद मुख्यमंत्री शाम को पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे. वे मंगलवार को इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ जदयू की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी, सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा मुख्य रूप से शामिल होंगे. इंडिया गठबंधन की इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग सहित अन्य राजनीतिक मुद्दों पर निर्णय होने की संभावना है. इस संबंध में पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी स्पष्ट कर चुके हैं.
इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक मंगलवार को दिल्ली में होने जा रही है. इस बैठक में 25 दलों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजद सुप्रीमो लालू यादव और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे. 19 दिसंबर को दिल्ली में I-N-D-I-A की बैठक में भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर चर्चा संभव है. माना जा रहा है कि अब सीट शेयरिंग पर बात आगे बढ़ेगी और इस बैठक में सीट शेयरिंग समेत अन्य अहम मुद्दों पर विपक्षी दलों के नेता मंथन करेंगे. बता दें कि यह बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 6 दिसंबर को ही बुलाई थी. चार राज्यों के चुनाव परिणाम सामने आते ही कांग्रेस अध्यक्ष ने ये बैठक बुलाई थी लेकिन कई नेताओं ने व्यस्त कार्यक्रम को लेकर इस बैठक में आने से असमर्थता जता दी थी जिसके बाद बैठक को टाला गया था और 19 दिसंबर की तिथि इस बैठक के लिए तय की गयी थी.
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी दिल्ली के लिए रवाना होंगे. इस बैठक में सीट शेयरिंग पर जोर दिया जा सकता है. सीएम नीतीश कुमार लगातार यह कहते रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में समय बेहद कम है. वहीं भाजपा समय से पहले भी चुनाव करा सकती है. ऐसे में अब जल्द सबकुछ तय कर लेना उचित होगा. वहीं बिहार में अब सियासी समीकरण बदला हुआ है जिसके बाद सीट शेयरिंग में भी कई चीजें अड़चन बन सकती है जिसका समाधान विपक्षी दलों के नेताओं को निकालना होगा. कई सीटें ऐसी हैं जहां जदयू और राजद आमने-सामने रही हैं. जबकि कई सीटों पर कांग्रेस अपनी उपस्थिति दर्ज कराता रहा है. वामदलों की ओर से भी कई सीटों पर दावेदारी पेश करने की तैयारी है. पिछली बार यानी लोकसभा चुनाव 2019 में जब जदयू भाजपा के साथ NDA में थी तब 21.81 प्रतिशत वोट पार्टी को मिले थे. भाजपा को 23.58 प्रतिशत वोट मिले थे. जदयू के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई थी.
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गौरतलब है कि हाल में ही आए चुनाव परिणामों में कांग्रेस को हिंदी भाषी राज्यों में बड़ा झटका लगा है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गयी जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा ने फिर से वापसी कर ली. वहीं कांग्रेस को तेलंगाना में जीत मिली. हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद से ही पार्टी पर हमले शुरू हो गए थे. जदयू और राजद की ओर से साफ कर दिया गया था कि ये हार कांग्रेस की है. इंडिया गठबंधन के नेताओं को कांग्रेस ने इन चुनावों में शामिल नहीं किया जिसके कारण ये हार हुई.
इधर, पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि I-N-D-I-A गठबंधन की पिछली तीन बैठकों की तरह 19 दिसंबर की बैठक भी फ्लॉप होगी. उसमें चाय पार्टी और फोटो सेशन के अलावा कुछ नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि घटक दलों में प्रमुख ‘आप’ के नेता अरविंद केजरीवाल विपश्यना ध्यान करने 10 दिन की छुट्टी पर चले गये. शरद पवार की पार्टी टूट चुकी है, ममता दीदी का कोई भरोसा नहीं और नीतीश कुमार कब बीमार हो जाएं, पता नहीं. सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेतृत्व में एकजुट होने का दावा करने वाला विपक्ष तीन हिंदी भाषी राज्यों में करारी हार से हताश है. ये थके-हारे लोग कोई बड़ा निर्णय लेने की स्थिति में भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष न भोपाल में साझा रैली कर पाया, न गठबंधन की उप-समितियों की बैठक हो पायी. ये लोग भाजपा के विरुद्ध साझा उम्मीदवार भी नहीं तय कर पायेंगे.