Look Back 2023: झारखंड में उच्च शिक्षा के विकास के लिए इस साल यानी 2023 में कई प्रयास किये गये. इस वर्ष विद्यार्थियों को बिना गारंटी लोन देने के लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना लागू की गयी. इसके अलावा फ्री कोचिंग और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए झारखंड मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना व एकलव्य प्रशिक्षण योजना लागू की गयी. इसके तहत बेरोजगार युवाओं को तैयारी के लिए हर माह राशि भी दी जायेगी. विद्यार्थियों के लिए झारखंड सीएम फेलोशिप योजना भी लागू की गयी. वहीं तकनीकी संस्थानों के संचालन के लिए देश के अन्य संस्थानों के साथ एमओयू भी किया गया.
2400 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का रोस्टर क्लीयर
झारखंड सरकार ने विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विवि को एक यूनिट माना. साथ ही 2400 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का रोस्टर क्लीयर करते हुए विवि को उपलब्ध कराया. विवि ने इसके लिए जेपीएससी को अधियाचना उपलब्ध करा दी है. वहीं कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए रोस्टर क्लियरेंस की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. विवि शिक्षकों के प्रोन्नति यूजीसी रेगुलेशन 2010 को स्वीकृति दी. वहीं शिक्षकों, अधिकारियों और प्राचार्य की नियुक्ति के लिए यूजीसी रेगुलेशन 2018 को भी स्वीकृति दी गयी. शिक्षकों की नियुक्ति में पीएचडी की बाध्यता समाप्त की गयी, जबकि झारखंड पात्रता परीक्षा के माध्यम से भी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का रास्ता साफ किया.
निजी विवि खोलने की दी अनुमति
इधर, दुर्गा सोरेन विवि, बाबू दिनेश सिंह विवि, सोना देवी विवि और अजीम प्रेमजी विवि जैसे निजी विवि खोलने की अनुमति दी. वहीं सरकारी विवि के रूप में पंडित रघुनाथ मुर्मू ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने की स्वीकृति दी. डिजिटल व स्किल विवि खोलने सहित नयी शिक्षा नीति के लागू कराया. झारखंड सरकार ने अपने खर्चे पर राज्य के युवाओं को विदेश में उच्च शिक्षा देने के लिए मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना लागू की.
वीसी और प्रोवीसी की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया जारी
वर्तमान में राज्य के कई विवि में कुलपति व प्रतिकुलपति सहित अधिकारियों व शिक्षकों के पद रिक्त हैं. जिनकी नियुक्ति के लिए प्रक्रिया चल रही है. राज्य सरकार ने कई कॉलेजों को विवि के अनुरूप दर्जा देने की प्रक्रिया भी शुरू की है. राज्य के सभी विवि और कॉलेजों की आधारभूत संरचना के लिए भी राशि दी है. इसी प्रकार कॉलेज व तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप की व्यवस्था लागू की है. इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों को चलाने के लिए देश के उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ एमओयू किया गया.