ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर नाथन लियोन पिछले कई दिनों से 496 विकेट पर रुके हुए थे. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट मुकाबले में 500 विकेट की उपलब्धि हासिल कर ली है. अगर इस गर्मी की शुरुआत में एशेज सीरीज के दौरान उन्हें चोट नहीं लगी होती तो वह पहले ही इस क्लब में शामिल हो जाते. रविवार को पाकिस्तान की दूसरी पारी में यह उपलब्धि हासिल की. लियोन पहली पारी में तीन विकेट के बाद 499 रन पर थे. फहीम अशरफ को उन्होंने अपना 500 शिकार बनाया.
नाथन लियोन ने कही यह बात
500 विकेट लेने के बाद नाथन लियोन ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जिस पर मुझे बहुत गर्व है. मुझे नहीं लगता कि शायद अभी तक मुझ पर इसका प्रभाव पड़ा है. लेकिन जाहिर तौर पर इस यात्रा में बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ी. मेरे पास बहुत सारे बुरे दिन और अच्छे दिन थे. लेकिन 500 विकेट लेना अपने आप में खास है. बता दें कि लियोन टेस्ट इतिहास में 500 टेस्ट विकेट लेने वाले आठवें गेंदबाज बन गए हैं. महान शेन वार्न (708) और ग्लेन मैकग्रा (563) के बाद ऑस्ट्रेलिया के तीसरे और कुल मिलाकर चौथे स्पिनर बन गए. इस सूची में मुथैया मुरलीधरन और अनिल कुंबले भी शामिल हैं.
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मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका) – 800 विकेट
श्रीलंकाई स्पिनर 500 टेस्ट विकेटों की उपलब्धि तक पहुंचने वाले सबसे तेज गेंदबाज बने हुए हैं. उन्होंने इसे केवल 87 पारियों में हासिल किया था. उन्होंने अपने लंबे समय के प्रतिद्वंद्वी शेन वार्न को पछाड़ा था. अपने 18 साल के करियर के दौरान, कई बार उनका गेंदबाजी एक्शन सवालों के घेरे में आया. मुरलीधरन ने 133 मैचों में 67 फिफ्टी और 22 दस विकेट हॉल के साथ 800 विकेट (इतिहास में अब तक का सबसे अधिक) लिया.
शेन वार्न (ऑस्ट्रेलिया) – 708 विकेट
ऑस्ट्रेलियाई स्पिन किंग इस मुकाम तक पहुंचने वाले दूसरे गेंदबाज थे और ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों में पहले. संयोग से श्रीलंका में उसी सीरीज में उन्होंने अपना 500 विकेट पूरा किया था, जिसमें मुरलीधरन 500 विकेट के आंकड़े तक भी पहुंचे थे. वार्न ने अंततः 145 मैचों में 708 विकेटों के साथ अपना करियर समाप्त किया, जिसमें 37 बार पांच विकेट लिए.
जेम्स एंडरसन (इंग्लैंड) – 690 विकेट
इंग्लैंड के सदाबहार तेज गेंदबाज ने अपने करियर में काफी क्रिकेट खेला है. अब वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाजों की सूची में शीर्ष पर हैं. 183 मैचों में, एंडरसन ने 32 बार पांच विकेट लेने के साथ 690 विकेट लिए हैं. जनवरी के अंत में भारत में होने वाली पांच मैचों की प्रतियोगिता के साथ, 41 वर्षीय खिलाड़ी 700 विकेट के मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए तैयार है.
अनिल कुंबले (भारत) – 619 विकेट
भारत के इस स्पिनर के पास शेन वॉर्न या मुथैया मुरलीधरन के जैसी टर्न नहीं थी. लेकिन उनकी विविधता का शस्त्रागार भरा था. इसकी मदद से कुंबले एक विश्व विजेता के रूप में उभरे और बाद में टेस्ट इतिहास में अपनी छाप छोड़ी. केवल 105 मैचों में 500 विकेट लेने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने के बाद, कुंबले अभी भी इस उपलब्धि को हासिल करने वाले दूसरे सबसे तेज और एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं. अश्विन (489 विकेट) उनसे कुछ ही मैच दूर हैं. कुंबले ने 132 टेस्ट में कुल 619 विकेट चटकाए.
स्टुअर्ट ब्रॉड (इंग्लैंड) – 604 विकेट
वह लियोन से पहले सूची में प्रवेश करने वाले अंतिम गेंदबाज थे. कुल मिलाकर चौथे सबसे तेज गेंदबाज थे. वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू मैदान पर इंग्लैंड की टेस्ट श्रृंखला के दौरान उन्होंने 2020 में यह उपलब्धि हासिल की थी. इससे पहले 2023 की गर्मियों में एशेज श्रृंखला के दौरान वह 600 विकेट लेने वाले दूसरे सबसे तेज गेंदबाज बन गए थे. उन्होंने 167 मैचों में 604 विकेट हासिल किए हैं.
ग्लेन मैक्ग्रा (ऑस्ट्रेलिया) – 563 विकेट
ऑस्ट्रेलिया के अब तक के सबसे सफल तेज गेंदबाजों में से मैकग्रा एक थे. इन्होंने 124 मैचों में 563 विकेट के साथ अपना करियर खत्म किया. मैक्ग्रा ने एशेज टेस्ट श्रृंखला के दौरान यह उपलब्धि हासिल की थी. वह उनके करियर का 110वां मैच था और वह 500 विकेट लेने वाले दूसरे तेज गेंदबाज बन गए. दो साल बाद, उन्होंने 2007 में घरेलू एशेज श्रृंखला के दौरान अपने रिटायरमेंट की घोषणा की.
कर्टनी वॉल्श (वेस्टइंडीज) – 519 विकेट
विंडीज लीजेंड टेस्ट इतिहास में इस मील के पत्थर तक पहुंचने वाले पहले गेंदबाज थे. 70 और 80 के दशक में वेस्टइंडीज ने जो प्रभुत्व दिखाया था, उसी स्तर को आगे बढ़ाते हुए, वॉल्श 90 के दशक में सबसे खतरनाक गेंदबाज बन गए. अपने प्रभावशाली करियर के दौरान उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए. सदी के अंत में, वॉल्श ने 132 मैचों में 519 विकेट लेने के बाद खेल को अलविदा कह दिया.