गोविंद
गोपालगंज के बहुचर्चित पुजारी मनोज साह हत्याकांड में एसआइटी ने बड़ा खुलासा किया है. सारण डीआइजी विकास कुमार ने कहा कि प्रेम-प्रसंग में ब्लैक मेलिंग के शिकार होने पर युवती और उसके घरवालों ने मिलकर पुजारी की हत्या कर दी. गोपालगंज पुलिस ने हत्या में शामिल दो महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू, रस्सी, दुपट्टा और मोबाइल भी बरामद कर लिया है.
पूरे मामले पर पत्रकारों से बात करते डीआइजी ने कहा कि मृतक मंदिर का पुजारी नहीं था. बल्कि केयर टेकर था. गांव की एक युवती के साथ मृतक का प्रेम-प्रसंग था. लेकिन, युवती की शादी के बाद वह उसे ब्लैक मेल किया करता था. जिससे परेशान होकर युवती ने अपने घर वालों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. 10 दिसंबर को युवती ने फोन कर पहले मनोज साह को बुलाया, उसके बाद तीन से चार दिनों तक एक कमरे में बंद कर उसकी जमकर पिटाई की.
इसके बाद युवती ने ही अपने प्रेमी मनोज साह की चाकू से हत्या कर दी. फिर उसकी दोनों आंखें निकाल ली. पुलिस ने मामले में टेक्निकल सेल की जांच और फॉरेंसिंक जांच के आधार पर हत्या से जुड़े साक्ष्य को इक्कठा किया और तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार अभियुक्तों में मांझा थाना क्षेत्र के दानापुर गांव के निवासी नेहा कुमारी, सुनीता देवी और अमित कुमार शामिल हैं.
जबकि अन्य अभियुक्तों की तलाश में एसआइटी छापेमारी कर रही है. डीआइजी ने कहा कि मनोज साह की हत्या के बाद मामले को दूसरी तरफ मोड़ने की भी कोशिश की गयी, लेकिन एसआइटी ने समय रहते बेहतर काम करते हुए हत्याकांड का खुलासा कर दिया. डीआइजी ने कहा कि तीनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद साफ हो गया कि हत्या प्रेम-प्रसंग में ब्लेकमेलिंग के शिकार होने पर किया गया था. उन्होंने एसआइटी को बेहतर कार्य के लिए पुरस्कृत करने की बात कही.