भारत के खिलाफ इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के बेल्लारी मॉड्यूल की आतंकवाद विरोधी साजिश को नष्ट करने को एनआइए ने सोमवार की सुबह झारखंड के जमशेदपुर, बोकारो सहित चार राज्यों के 19 स्थानों पर छापा मारा. इनमें महाराष्ट्र के अमरावती, मुंबई व पुणे, कर्नाटक के बेल्लारी व बेंगलुरु और दिल्ली में भी छापा मारा गया. इस दौरान बेल्लारी मॉड्यूल से जुड़े आठ एजेंटों को गिरफ्तार किया गया. इसमें जमशेदपुर से मोहम्मद शाहबाज उर्फ जुल्फिकार उर्फ गुड्डू, कर्नाटक के बेल्लारी से मॉड्यूल का नेता मिनाज उर्फ मोहम्मद सुलेमान व सैयद समीर को पकड़ा गया. इसके अलावा मुंबई से अनस इकबाल शेख, बेंगलुरु से मोहम्मद मुनीरुद्दीन, सैयद समीउल्लाह उर्फ सामी, मोहम्मद मुजम्मिल और दिल्ली से शायान रहमान उर्फ हुसैन को गिरफ्तार किया गया. एनआइए की इस कार्रवाई में झारखंड पुलिस के अलावा कर्नाटक पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस व दिल्ली पुलिस ने भी सहयोग किया. एनआइए के अनुसार, छापे के दौरान गिरफ्तार किये गये आठ एजेंट आइएसआइएस के आतंक और आतंक से संबंधित कृत्यों और गतिविधियों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने में शामिल थे. बेल्लारी मॉड्यूल का नेतृत्व मिनाज उर्फ मोहम्मद सुलेमान कर रहा था. एनआइए ने 14 दिसंबर 2023 को आइएसआइएस से प्रेरित बेल्लारी मॉड्यूल के खिलाफ मामला दर्ज किया था. तब से वह इस मॉड्यूल के सदस्यों को ट्रैक करने और पकड़ने के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही थी. आतंकवाद रोधी एजेंसी बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है.
छापेमारी के दौरान विस्फोटक पदार्थ बरामद
छापेमारी में सल्फर, पोटेशियम नाइट्रेट, चारकोल, गन पाउडर, चीनी और इथेनॉल जैसे विस्फोटक कच्चे माल, तेजधार वाले हथियार, बेहिसाब नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ स्मार्टफोन और अन्य डिजिटल डिवाइस भी जब्त किये गये हैं. प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपियों ने आइइडी के निर्माण के लिए विस्फोटक कच्चे माल का उपयोग करने की योजना बनायी थी. इसका उपयोग आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए किया जाना था. बताया जा रहा है कि जमशेदपुर से दो और बोकारो से एक को हिरासत में लेकर एनआइए की टीम पूछताछ कर रही थी. इसमें एक की संलिप्तता साबित होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया.
एनआइए की जांच में क्या आया सामने
एनआइए की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी आइएसआइएस के हिंसक जिहाद, खिलाफत आदि के रास्ते पर चलते हुए एन्क्रिप्टेड एप्स के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे. वे आइएसआइएस में भर्ती के उद्देश्य से विशेष रूप से कॉलेज के छात्रों को निशाना बना रहे थे. साथ ही जिहाद के उद्देश्य से मुजाहिदीन की भर्ती से संबंधित दस्तावेज भी प्रसारित कर रहे थे.
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