झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित होने का हवाला देते हुए स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने बीजेपी के तीन विधायकों को निलंबित कर दिया. जिसके बाद मार्शन ने उन्हें उठाकर सदन से आउट कर दिया.
सबसे पहले स्पीकर ने बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही को निलंबित किया. भानु प्रताप शाही के निलंबन के विरोध में बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण वेल में पहुंच गए. जिसके बाद स्पीकर ने कहा कि बार-बार आग्रह के बावजूद आपलोग सदन का संचालन होने नहीं दे रहे हैं. ऐसा कहते हुए स्पीकर ने दोनों को निलंबित किया.
जिसके बाद विधायक भानु प्रताप शाही और सस्पेंशन के खिलाफ वेल में बैठे बिरंची नारायण को मार्शल की टीम ने उठाकर सदन से बाहर कर दिया. सदन से बाहर निकले विधायकों ने बताया कि बीजेपी विधायक जेपी पटेल को भी निलंबित कर दिया गया है. बता दें कि स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने पूरे सत्र के लिए इन्हें सस्पेंड कर दिया है.
बीजेपी के तीन विधायकों को निलंबित किए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सदन के बहिष्कार की घोषणा की.
सदन का बहिष्कार करने का बाद नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी के साथ बीजेपी के सभी विधायकों ने वॉकआउट कर लिया.
इधर, निलंबन के बाद सभी बीजेपी विधायक विधानसभा परिसर में अटल मूर्ति के सामने धरना पर बैठ गए. बता दें कि विधानसभा सत्र का तीसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा. इस दौरान सदन के भीतर भी हंगामा हो रहा था और सदन के अंदर भी हंगामा हो रहा था.
सदन के बाहर विपक्ष के विधायकों का हंगामा दिनभर जारी रहा. नियोजन नीति स्पष्ट करने को लेकर विपक्ष ने हेमंत सोरेन सरकार को घेरा.
कुल मिलाकर देखें झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भारी हंगामा हुआ. बीजेपी के तीन विधायक सस्पेंड कर दिए गए. शून्यकाल के दौरान ही बीजेपी विधायकों ने वाकआउट कर लिया. भोजनावकाश के बाद ध्यानाकर्षण की सूचनाएं ली गईं. जहां आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कटौती प्रस्ताव पेश किया. हालांकि, बहुमत के साथ 8111.77 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित हो गया. वहीं, लंबोदर महतो ने कटौती प्रस्ताव वापस नहीं लिया.
आपको बता दें कि सत्र के दूसरे दिन यानी 18 दिसंबर को भी सदन में हंगामा होता रहा था. दूसरे दिन कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू कैश मामला छाया रहा. विपक्षी दल बीजेपी ने हेमंत सोरेन सरकार को इसके जरिए घेरा था. विपक्षी बीजेपी विधायकों ने सदन के अंदर व बाहर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का समन और धीरज साहू के विभिन्न ठिकानों से करोड़ों रुपये कैश बरामदगी मामले को लेकर प्रदर्शन किया था. बीजेपी विधायकों ने वेल में घुसकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी.
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