देवघर : आयुष शाखा की ओर से पुराना सदर अस्पताल में संचालित पंचकर्म चिकित्सा केंद्र में अब बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. विभाग को उम्मीद है कि नये भवन में शिफ्ट होने के बाद ही यहां मरीज इलाज के लिए पहुंचेंगे. विभाग की अनदेखी के कारण आज पंचकर्म की स्थिति बेहाल हो गयी है. यहां न डॉक्टर हैं, न स्वास्थ्य कर्मी, न कोई उपकरण और न ही और किसी प्रकार की व्यवस्था है. इस करण करीब पांच माह से एक भी मरीज इलाज या दवा लेने तक नहीं पहुंचे है. जबकि इस पंचकर्म केंद्र में स्नेहन, स्वेदन, वमन, विरेचन और रक्तमोक्षण के माध्यम से मरीजों के इलाज किया जाना था. वर्तमान में यहां दवा भी नहीं मिल रही है.
पंचकर्म चिकित्सा केंद्र में वर्तमान में एकमात्र फार्मासिस्ट ही कार्यरत हैं. ऐसे में फार्मासिस्ट भी कभी छुट्टी पर चल जाता है, तो केंद्र बंद हो जाता है. यहां चिकित्सा कर्मी के साथ प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों का होना जरूरी है.
पंचकर्म यूनिट में करीब पांच महीने से एक भी दवा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में जो पुराने मरीज थे, उन्हें भी दवा नहीं मिल पा रहा है. नये मरीजों को तो इलाज के बाद दवा की जरूरत होती है, जबकि पुराने मरीजों को दवा भी दिया जाता था. यदि कोई मरीज भूले-भटके हुए आ भी जाता है, तो उसे लौटा दिया जाता है. इसके अलावा यहां बिजली व पानी की भी व्यवस्था नहीं है.
देवघर जिला के आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक पासवान ने कहा कि उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार सिविल सर्जन से आरबीएके चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की मांग की गयी है. यदि चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी मिल जाये, ताे सारी व्यवस्था दुरुस्त कर ली जायेगी.
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