Recession 2024: पूरी दुनिया एक तरफ जहां नये साल का जश्न मनाने में जुटी हुई है. वहीं, कंपनियों में मंदी की आहट का असर दिखने लगा है. निजी इक्विटी (पीई) और उद्यम पूंजी (वीसी) कोषों का निवेश नवंबर में घटकर 43 महीने के निचले स्तर 1.6 अरब डॉलर पर आ गया. इस बीच खबर आ रही है कि भारत में बेंगलुरु के प्रमुख आईटी खिलाड़ियों ने कर्मचारियों के लिए वार्षिक बढ़ोतरी और पदोन्नति में भारी कटौती लागू की है. बेंगलुरु स्थित टेक दिग्गज इंफोसिस ने इस साल अपने कर्मचारियों को 10 प्रतिशत से भी कम वेतन वृद्धि दी है. अमेरिका और यूरोप में मुख्यालय वाले वैश्विक खिलाड़ियों के साथ भी परिदृश्य कमोबेश वैसा ही है, जिनकी बेंगलुरु में प्रमुख उपस्थिति है. माना जा रहा था कि यह दौर एक साल पहले शुरू हुआ था और छह महीने में खत्म हो जाएगा, लेकिन इसने आईटी कंपनियों को वेतन वृद्धि के मामले में कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर करना जारी रखा है. यूएस-मुख्यालय वाली कंपनी के लिए काम करने वाले एक आईटी पेशेवर ने कहा कि आईटी कंपनियां पहले 20 प्रतिशत वार्षिक बढ़ोतरी करती थीं, और जिन लोगों को पदोन्नत किया गया था, उनके लिए बढ़ोतरी 50 प्रतिशत होती. इस साल, पदोन्नति रोक दी गई है, और जिन लोगों को पदोन्नत किया गया है, उनके लिए 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी.
2007 से 2009 के बीच टूटा था आईटी सेक्टर
कंपनी में ऐसी स्थिति, साल 2007 और 2009 के बीच के भयावह दौर की याद दिलाता है, जिस दौरान आईटी सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ था. जैसा कि एक प्रतिष्ठित तकनीकी कंपनी के वरिष्ठ मानव संसाधन प्रबंधक ने खुलासा किया है, ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के नौकरियों पर असर डालने से आईटी पेशेवर चिंतित हैं. हालांकि, अनुभवी कर्मचारियों का कहना है कि जो कंपनियां पहले मंदी के सबसे बुरे दौर से बच सकती थीं, वे इस बार भी इससे बाहर आ जाएगी और यह आईटी उद्योग का एक स्वाभाविक चरण है. सूत्रों के अनुसार, कर्मचारियों के साथ अपने संचार में, इंफोसिस ने मौजूदा चुनौतियों को दूर करने और सभी पहलुओं में सफलता सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों को उनके अद्वितीय समर्थन और प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया.
पीई, वीसी निवेश नवंबर में घटकर 1.6 अरब डॉलर पर, 43 माह का निचला स्तर
निजी इक्विटी (पीई) और उद्यम पूंजी (वीसी) कोषों का निवेश नवंबर में घटकर 43 महीने के निचले स्तर 1.6 अरब डॉलर पर आ गया. मंगलवार को एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई. उद्योग जगत के लॉबी समूह ‘इंडियन वेंचर एंड ऑल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन’ (आईवीसीए) और सलाहकार फर्म ईवाई की रिपोर्ट के मुताबिक, पीई और वीसी निवेश एक साल पहले की तुलना में नवंबर में 69 प्रतिशत तक घट गया जबकि अक्टूबर की तुलना में इसमें 60 प्रतिशत की गिरावट रही. रिपोर्ट कहती है कि मात्रा के लिहाज से नवंबर, 2023 में 58 सौदे हुए जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 106 और अक्टूबर, 2023 में 73 सौदे हुए थे. ईवाई के साझेदार विवेक सोनी ने उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर संभावना जताई है कि इस साल पीई/ वीसी निवेश वर्ष 2022 के 56 अरब डॉलर की तुलना में 10-12 प्रतिशत तक कम रहेगा. उन्होंने कहा कि यह गिरावट मुख्य रूप से स्टार्टअप निवेश में तेज गिरावट और निवेशकों के मूल्यांकन और विक्रेता की अपेक्षाओं के बीच फासला बढ़ने से बड़े सौदों की संख्या में कमी आने के कारण हुई है.
नवंबर में 10 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के छह बड़े सौदे हुए जिनका कुल मूल्य 99.3 करोड़ डॉलर था. यह एक साल पहले की समान अवधि में दर्ज राशि का केवल एक चौथाई है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक्मे की 321 मेगावाट सौर संपत्ति के अधिग्रहण के लिए एक्टिस का 20.5 करोड़ डॉलर का दांव लगाना इस महीने का सबसे बड़ा निवेश था. रिपोर्ट कहती है कि पीई/वीसी कोषों ने भविष्य में निवेश के लिए पिछले महीने 40.1 करोड़ डॉलर जुटाए. यह नवंबर, 2022 में जुटाए गए 1.9 अरब डॉलर और अक्टूबर, 2023 के 2.4 अरब डॉलर से कम था.
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