12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अखिलेश यादव यूपी की नई आबकारी नीति पर भड़के, बोले- 1 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए अनैतिक रास्ता अपना रही योगी सरकार

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर भाजपाई समझते हैं कि शराबखोरी इतनी ही अच्छी है तो अपने कार्यालयों से बेचें, सार्वजनिक स्थलों को अराजकता और अपराध का केंद्र न बनाएं. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे फैसलों से घर-परिवार को बर्बाद न करे.

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार की वर्ष 2024-25 की आबकारी नीति को लेकर तंज कसा है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रदेश में भारी भरकम निवेश के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार ने अब हर जगह शराब बेचने की छूट दे दी है. रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, क्रूज सभी जगह शराबों की बिक्री से साफ है कि यूपी में निवेश के दावे सही नहीं हैं. दरअसल योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले के तहत एयरपोर्ट की तर्ज पर मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड की शराब की फुटकर दुकानों को खोला जा सकेगा. हालांकि इसके लिए रेल मंत्रालय और यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन की अनुमति आवश्यक होगी. इसे लेकर अखिलेश यादव सरकार पर हमलावर बने हुए हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार के पास एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए क्या यही एक रास्ता बचा है कि शराब रेलवे, मेट्रो स्टेशन व क्रूज पर बेची जाए. इसका मतलब ये हुआ कि लाखों-करोड़ों के निवेश के जो भी दावे किए गए थे, वो सब झूठे साबित हुए हैं, तभी तो सरकार ऐसे अनैतिक रास्तों को अपना रही है. उन्होंने कहा कि आज शराब बिक रही है कल को दूसरे और भी मादक पदार्थ सार्वजनिक जगहों पर बेचे जाएंगे.

अपने फैसलों से घर परिवार नहीं बर्बाद करे सरकार

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर भाजपाई समझते हैं कि शराबखोरी इतनी ही अच्छी है तो अपने कार्यालयों से बेचें, सार्वजनिक स्थलों को अराजकता और अपराध का केंद्र न बनाएं. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे फैसलों से घर-परिवार को बर्बाद न करे. महिलाएं और बच्चे जानते हैं कि शराब किस प्रकार घरेलू हिंसा से लेकर सार्वजनिक हिंसा का कारण बनती है और युवाओं के लिए घातक साबित होती है. इस फैसले के विरोध में उत्तर प्रदेश की महिलाएं, परिवारवाले और युवा भाजपा को हटाने का फैसला करेंगे. उन्होंने कहा कि शराब और अपराध का गहरा संबंध होता है. ये भाजपा राज में अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के जीरो हो जाने का एक और उदाहरण बनेगा.

Also Read: कांग्रेस की यूपी जोड़ो यात्रा आज से, लोकसभा चुनाव 2024 में वापसी के लिए धार्मिक-जातीय समीकरण साधने की कोशिश
50 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य

दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने वर्ष 2024-25 की आबकारी नीति को लागू करते हुए अगले वित्तीय वर्ष में 50 हजार करोड़ रुपए राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए विदेशी मदिरा, बीयर, भांग, मॉडल शॉप दुकानों की वार्षिक लाइसेंस फीस पर 10 फीसद की वृद्धि की गयी है. एयरपोर्ट की तर्ज पर मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड की शराब की फुटकर दुकानों को खोला जा सकेगा. इसके लिए रेल मंत्रालय और यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन की अनुमति आवश्यक होगी.

सड़क पर शराब पीने के मामलों में रोक लगने का दावा

आबकारी राज्मंयत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल के मुताबिक नई नीति में सड़क पर खड़े होकर बीयर पीने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए व्यवस्था की गयी है. बीयर दुकानों के लिए उपभोग की सुविधा, ऑनलाइन आवेदन मिलने पर डीएम की मंजूरी के बाद जिला आबकारी अधिकारी द्वारा जारी की जाएगी. इसके लिए न्यूनतम 100 वर्ग फीट का अलग परिसर (परमिट रूम) दुकान की 20 मीटर की परिधि के अंदर होना चाहिए. परमिट रूम की सुविधा 5 हजार रुपए वार्षिक शुल्क पर दी जाएगी. इसमें कैंटीन का सुविधा की अनुमति नहीं मिलेगी.

बार लाइसेंस फीस में वृद्धि

इसके अलावा बार लाइसेंसधारक के परिसर से संबंधित भवन के दूसरे परिसर अथवा टेरेस में अतिरिक्त बार काउंटर की स्थापना के लिए भी आवेदन किया जा सकता है. इसके लिए लाइसेंस फीस का पांच प्रतिशत या 2.50 लाख रुपए, जो अधिक हो, शुल्क लिया जाएगा. कुछ बार लाइसेंस और क्लब बार की लाइसेंस फीस में वृद्धि की गयी है. इवेंट बार, समारोह बार लाइसेंस की अधिकतम अवधि 12 घंटे और रात 12 बजे तक ही होगी. प्रीमियम रिटेल दुकानों में बिक्री के लिए अनुमन्य एसेसरीज में टॉनिक वाटर और कॉकटेल मिक्सर्स शामिल होंगे. लेकिन, ऐसे नॉन एल्कोहलिक पेय पदार्थ अनुमन्य नहीं होंगे, जिनके ब्रांड के नाम, पैकिंग, लेबिल आदि किसी मदिरा ब्रांड से मिलते-जुलते हों, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो.

शराब नीति के अहम बिंदु

  • बार लाइसेंस एवं माइक्रो ब्रिवरी का लाइसेंस एक साथ लेने पर एक लाख की छूट पहले वर्ष में दी जाएगी.

  • प्रीमियम, उससे ऊपर श्रेणी की विदेशी मदिरा की बिक्री 60 एवं 90 एमएल की शीशे के अलावा सिरोंग पैक में भी.

  • कांच की बोतलों और एल्युमिनियम कैन में ही वाइन की आपूर्ति होगी. इसकी शेल्फ लाइफ 9 माह होगी.

  • देशी मदिरा ग्रेन ईएनए आधारित 42.8 फीसद होगी. कांच के साथ ट्रेटा और एसेप्टिक ब्रिक पैक कर सकेंगे.

  • तीन हजार रुपए से अधिक वाले भारत निर्मित विदेशी मदिरा के स्कॉच एवं सिंगल मॉल्ट को प्रोत्साहित किया जाएगा.

  • पुलिस अथवा किसी अन्य संस्था के द्वारा किसी भी फुटकर मदिरा, भांग आदि दुकान को बंद या सील नहीं किया जा सकेगा.

  • डिस्टलरी, बीयर फैक्ट्री और वाइनरी में पर्यटक भ्रमण कर सकेंगे. डिस्टलरी को 50 हजार, बीयर फैक्ट्री को 25 हजार शुल्क देना होगा.

  • फुटकर दुकानों का आवंटन नवीनीकरण से होगा, डिजिटल पेमेंट की सुविधा रखना अनिवार्य होगा.

  • किसी ब्रांड के पंजीकरण, नवीनीकरण के लिए ट्रेड मार्क पंजीकरण अनिवार्य नहीं होगा.

  • देश में निर्मित वाइन, जिसमें अन्य प्रकार की वाइन के अलावा साइडर और पेरी भी शामिल माने जाएंगे, पर आयात शुल्क निर्धारित.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें