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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू के कर्मचारियों को दी एस्मा लगाने की चेतावनी, कहा-मरीजों को न हो परेशानी

केजीएमयू में लगभग 4000 आउटसोर्सिंग कर्मचारी हैं. इसमें डॉक्टर को छोड़कर लगभग सभी कैडर जैसे नर्स, टेक्नीशियन, वार्ड बॉय, वार्ड आया, कंप्यूटर ऑपरेटर, सोशल वर्कर शामिल हैं. कर्मचारी वेतन में कटौती से नाराज थे.

लखनऊ: यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू में बुधवार को स्वास्थ्य सेवाओं को ठप करने वाले कर्मचारियों को भविष्य में ऐसा करने पर एस्मा लगाने की चेतावनी दी है. वह गुरुवार को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे. वहां उन्होंने कर्मचारियों से बात की. इसी दौरान उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हड़ताल करने से मरीज को दिक्क्त होती है. यदि भविष्य में किसी डॉक्टर अथवा कर्मचारियों, चाहे वह संविदा का हो या स्थायी, उस पर एस्मा लगाया जाएगा. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक कर्मचारियों से कहा कि हड़ताल करने से पहले उन्होंने बात करने की कोशिश क्यों नहीं की. वह जिम्मेदार एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

गौरतलब है कि केजीएमयू के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने वेतन कटौती से नाराज बुधवार सुबह ओपीडी से लेकर ट्रॉम सेंटर तक कार्य ठप कर दिया था. अचानक हुई इस हड़ताल से केजीएमयू में इलाज पूरी तरह से ठप हो गया था. कर्मचारियों ने ट्रॉमा सेंटर का गेट बंद कर दिया था. जिससे वह इमरजेंसी सेवाएं भी पूरी तरह से ठप हो गयी थी. इसके चलते वह दिन भर अफरा-तफरी मची रही. केजीएमयू की कुलपति से लेकर शासन-प्रशासन भी हड़ताल को समाप्त नहीं करा पाया. हड़ताल के अगले दिन डिप्टी सीएम ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे.

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चार हजार से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मचारी

केजीएमयू में लगभग 4000 आउटसोर्सिंग कर्मचारी हैं. इसमें डॉक्टर को छोड़कर लगभग सभी कैडर जैसे नर्स, टेक्नीशियन, वार्ड बॉय, वार्ड आया, कंप्यूटर ऑपरेटर, सोशल वर्कर शामिल हैं. इन कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें हर महीने पांच तारीख को वेतन मिल जाता है. इस बार 18 तारीख को वेतन मिला. इसमें भी वीकली ऑफ और अन्य छुट्टियों के वेतन की कटौती कर ली गयी. इसी से नाराज कर्मचारियों ने बुधवार को कामकाज ठप कर दिया और नारेबाजी करते हुए कुलपति कार्यालय पहुंच गये. जब वहां किसी की सुनवाई नहीं हुई तो सभी ट्रॉमा सेंटर पहुंच गये थे और वहां गेट बंद करके काम ठप कर दिया था.

कर्मचारियों की मांगें

  • आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को साप्ताहिक व राजपत्रति आवकाश मिले और वेतन कटौती न हो

  • बोनस दिया जाए

  • ईपीएफ व ईएसआईसी में कटौती में गड़बड़ी की जांच हो

  • आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन में हर साल पांच फीसदी की वृद्धि की जाए

  • ईएसआईसी के इलाज के लिए केजीएमयू परिसर में डिस्पेंसरी खोली जाए

  • हर माह की सात तारीख तक वेतन जारी हो

  • नियमानुसार काम लिया जाए और ज्यादा काम पर ओवरटाइम मिले

  • सीएल,मैटर्निटी और मेडिकल लीव मिले

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