विपक्षी दलों के 142 सांसदों के निलंबन के विरोध में इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक गुरुवार को परिसदन भवन में हुई. यह तय हुआ कि शुक्रवार को गिरिडीह शहर में विरोध प्रदर्शन कर टावर चौक पर धरना दिया जायेगा. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष धनंजय कुमार सिंह एवं झामुमो के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने पत्रकारों को बताया कि उन सांसदों की क्या गलती थी. उन्होंने सिर्फ यह सवाल संसद में किया था कि आज देश में जब संसद भवन सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की क्या स्थिति होगी. बस इतना ही सवाल हमारे सांसदों ने सरकार से किया तो उनको निलंबित कर दिया गया. कल के कार्यक्रम में पूरे जिले के इंडिया घटक दल के कार्यकर्ता आयेंगे. सभी लोग झंडा मैदान में एकत्रित होंगे, वहां से प्रदर्शन करते हुए टावर चौक पहुंचेंगे. बैठक में जदयू के जिलाध्यक्ष त्रिभुवन दयाल, आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कृष्ण मुरारी शर्मा, माले के राजेश सिन्हा, राजद के जिलाध्यक्ष नागेश्वर ठाकुर समेत कई नेता-कार्यकर्ता मौजूद थे.
डीएसडब्ल्यूओ ने की आंगनबाड़ी केंद्र की जांच
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अल्का हेंब्रम गुरुवार को बिरनी सीडीपीओ कार्यालय पहुंची और प्रखंड के 191 आंगनबाड़ी केंद्रों में कोरोना काल के दौरान नौनिहालों के बीच बंटने वाले पोषाहार के 2596 क्विंटल चावल के संबंध में जांच की. उन्होंने प्रखंड के सभी केंद्र की सेविकाओं से 21 नवंबर से अभी तक चावल उठाव व वितरण पंजी की जांच की और इसका रिपोर्ट लेने के बाद जिला मुख्यालय वापस लौट गयी. इस दौरान उन्होंने कहा कि डीएसओ गुलाम समदानी ने प्रतिवेदित किया है कि 2596 क्विंटल चावल की कालाबाजरी की गयी है. इस पर अभी जांच जारी है. कहा कि सेविकाओं से रिपोर्ट ली जा रही है. सत्यापन के बाद ही दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी. मालूम रहे कि बिरनी प्रखंड के एसएफसी गोदाम से आंगनबाड़ी केंद्र के नौनिहालों का 260 मीट्रिक टन चावल गबन होने की बात जिला परिषद की बैठक में उठाया गया था. साथ ही आजसू कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन के साथ आमरण अनशन भी शुरू किया था. उपायुक्त ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठित की थी. डीएसओ ने 2596 क्विंटल चावल गबन होने की बात कही थी. उन्होंने एजीएम देवचंद्र मंडल, तत्कालीन सीडीपीओ माया रानी समेत अन्य लोगों पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी. लेकिन, जांच के दो माह बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि जांच चल रही है.
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