रांची : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि धनबाद में बढ़ती आपराधिक घटनाओं की सरकार समीक्षा करेगी. इसके बाद ठोस कदम उठाये जायेंगे. विधायक राज सिन्हा के गैर सरकारी संकल्प पर मंत्री ने यह जानकारी दी. श्री सिन्हा ने गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से कहा था कि क्या धनबाद में लगातार व्यवसायियों को मिल रहे धमकी भयादोहन एवं गोली मारने की घटना को रोकने के लिए एडीजी स्तर के पदाधिकारी के नेतृत्व में एसटीएफ गठन कर कार्रवाई करेगी. अंतिम दिन विधायकों की ओर से कुल 35 गैर सरकारी संकल्प लाये गये थे.
संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 21 जनवरी व 28 जनवरी 2024 को होगी. विधायक सुदेश कुमार महतो की ओर से लाये गये गैर सरकारी संकल्प के जवाब में मंत्री ने सदन में यह जानकारी दी. परीक्षा आयोजित करनेवाली एजेंसी ने 16 व 17 दिसंबर से ठीक पहले इसे स्थगित कर दिया था.
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विधायक दशरथ गगराई के गैर सरकारी संकल्प पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. इसको लेकर विधानसभा से विधेयक पारित कर लिया गया है. श्री गगराई ने झारखंड अलग राज्य के लिए हुए आंदोलन में पुलिस द्वारा किये गये गोलाबारी में मारे गये शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा था.
विधायक लोबिन हेंब्रम ने पाकुड के अमरापाड़ा में माइनिंग लीज में गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच कराने को लेकर गैर सरकारी संकल्प लाया था. इसके जवाब में प्रभारी मंत्री की ओर से बताया गया कि सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद माइनिंग लीज दिया गया है. सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर श्री हेंब्रम ने संकल्प वापस लेने से इंकार कर दिया. वोटिंग की प्रक्रिया के बाद श्री हेंब्रम का प्रस्ताव अस्वीकृत हुआ. इस पर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायकों का भी सरकार से विश्वास उठ गया है.
विधायक समीर मोहंती सरकार के जवाब से असंतुष्ट थे. उन्होंने कहा कि चार साल में जांच पूरी नहीं होती है. अगर यही करना है तो गैर सरकारी संकल्प को हटा दें. आखिर विधायक कितने छोटे-छोटे मुद्दों को उठायेंगे. श्री मोहंती ने बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र के हवाईअड्डा पर लघु उद्योग स्थापित करने के लिए समुचित पहल करने का प्रस्ताव लाया था. इसके जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा गया कि यह वन भूमि है. सरकार अपने स्तर से उद्योग नहीं लगाती है. अगर इसको लेकर प्रस्ताव लाया जाता है तो उस पर विधि सम्मत कार्रवाई की जा सकती है. इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री के आग्रह के बाद श्री मोहंती ने संकल्प वापस लिया.