देवघर : केंद्र सरकार संताल परगना में निजीकरण के आधार पर गरीब आदिवासियों की जमीन छीन रही है. यही नहीं जमीन के एवज में कानून के अनुसार मुआवजा और पुनर्वास के पैकेज भी नहीं दे रही है. उक्त बातें देवघर सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस में माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य सह पूर्व सांसद वृंदा करात ने कही. उन्होंने कहा कि बड़े प्रोजेक्ट के लिए जहां भी जमीनें ली जाये, नियमत: ग्रामीणों की राय ली जानी चाहिए, रैयतों के साथ बैठक होनी चाहिए. कानून उन्हें हर सुविधा देने के बाद ही जमीन अधिग्रहण किया जाये. उन्होंने कहा कि जहां भी गैरभाजपाई सरकार है, वहां की सरकारों को काम नहीं करने दिया जा रहा है. उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है और खुद अराजक स्थिति होने का रोना बीजेपी रो रही है. जबकि राज्यों में अराजक स्थिति बीजेपी ने कायम किया हुआ है. वृंदा करात ने कहा कि जनता काम सही तरीके से नहीं हो रहा है, इसलिए लाल झंडा सड़क पर आयी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस की केंद्र सरकार गैर भाजपा शासित राज्यों के विकास में बाधा पैदा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि संसद पर हमला हुआ तो उसके लिए विपक्ष ने सवाल पूछे, जवाब देने के बजाय, मोदी सरकार ने विपक्ष के 144 सांसदों को निलंबित कर दिया. यह सांसदों का निलंबन नहीं देश के संविधान का निलंबन बीजेपी वालों ने किया है. वृंदा करात ने कहा कि 2024 के चुनाव में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को सत्ता में आने से नहीं रोका तो देश में ड्रेस रिहर्सल करेगी और तानाशाह हो जायेगी.
वृंदा करात ने कहा कि पुनासी जलाशय योजना के विस्थापितों को आज तक मुआवजा और नौकरी व पुर्नवास पैकेज नहीं मिला है. सीएम ने आदेश दिया है फिर भी अधिकारी नहीं इंप्लीमेंट कर रहे हैं. आश्वासनों को अमल में नहीं लायेंगे तो आश्वासन का क्या फायदा.
Also Read: देवघर : छह ग्राम ब्राउन शुगर के साथ दो गिरफ्तार, मोहनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज