रांची : रांची डीटीओ कार्यालय में अधिकारी और कर्मचारी की कमी से कई काम प्रभावित हो रहा है. हाल यह है कि एक-एक कर्मियों पर काम का अधिक बोझ है. इस कारण लोगों के काम में विलंब हो रहा है. 1972 में लिपिकों के स्वीकृत पदों की संख्या नौ थी, हाल यह है कि आज भी स्वीकृत पदों की संख्या नहीं बढ़ी है. वर्तमान में कार्यालय में स्वीकृत पदों की तुलना में मात्र तीन लिपिक ही कार्यरत हैं. साथ ही एक डीटीओ के भरोसे ही राजधानी में काम चल रहा है. जबकि, यहां पर एडीटीओ की भी जरूरत है.
पहले की तुलना में डीटीओ कार्यालय में काम कई गुना बढ़ गया है. वर्तमान में सभी प्रकार के वाहनों को मिला कर हर माह लगभग 8,800 वाहनों की बिक्री हो रही है. यही नहीं, एक चपरासी और एक रात्रि प्रहरी का पद भी स्वीकृत है. लेकिन, यह पद भी कई सालों से खाली है. जबकि, आउटसोर्सिंग से कुल 13 कर्मी काम कर रहे हैं. यह डाटा इंट्री ऑपरेटर हैं. जबकि, कार्यालय में और भी ऑपरेटर की जरूरत है.
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