झारखंड सरकार ने रविवार से कार्डधारियों को एक रुपये में किलो चना दाल देना शुरू किया है. नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 30 में अमित कुमार की पीडीएस दुकान पर जिला बीस सूत्री कमेटी के उपाध्यक्ष सह झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह व डीएसओ गुलाम समदानी ने योजना की शुरुआत की. उन्होंने कार्डधारियो के बीच चावल, गेहूं, लुंगी व साड़ी का भी वितरण किया. अतिथियों ने लोगों को जागरूक होकर इस योजना से लाभ उठाने की अपील की. कहा कि यदि कोई दुकानदार समान नहीं देता है तो इसकी शिकायत करें. आज से झारखंड सरकार हर माह चावल-गेहूं के साथ एक रुपये में एक किलो चना दाल भी देगी. झामुमो जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि चना दाल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. लाभुक जागरूक होकर योजना से लाभान्वित हों. डीएसओ श्री समदानी ने कहा कि पीला, लाल व हरा कार्डधारी को प्रति माह एक रुपये में एक किलो चना दाल मिलेगी. आज से गिरिडीह इसकी शुरुआत हुई है. मौके पर अमित कुमार, राजेश बंसल, राकेश रंजन, सुमित कुमार, मोनू चंद्रवंशी, राजन कुमार आदि उपस्थित थे.
आदिवासी छात्र संघ ने निकाली रैली, किया प्रदर्शन
कांस्टेबल की बहाली में गिरिडीह, देवघर, बोकारो व धनबाद जिले के लिए सीट आरक्षित नहीं किये जाने पर आक्रोशित आदिवासी छात्र संघ के सदस्यों ने रविवार को शहर के झंडा मैदान से रैली निकालकर जेपी चौक समेत अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किया. छात्र संघ के सदस्य अपने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. संघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप सोरेन, सचिव मदन हेंब्रम आदि का कहना था कि जेएसएससी ने कांस्टेबल की बहाली में इस जिले के आदिवासी छात्रों के साथ नाइंसाफी की है. सीट आरक्षित नहीं कर उन्हें सामान्य श्रेणी के लिए छोड़ दिया है. इससे हम लोगों का हक मारा गया है. कहा कि संतालपरगना के दुमका, पाकुड़ आदि जिलों में आदिवासी छात्रों का सीट आरक्षित है, जबकि गिरिडीह, देवघर, बोकारो व धनबाद जिले में आदिवासी छात्रों के लिए सीट आरक्षित नहीं किया है. इन जिलों में काफी संख्या में आदिवासी समाज के लोग रहते हैं. सीट आरक्षित नहीं किये जाने पर दूसरे प्रदेश के लोग इसका लाभ उठायेंगे. सरकार व जेएसएससी को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए, अन्यथा हमारा आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने सरकार से इसमें संशोधन करने की मांग की. रैली में संघ के मीडिया प्रभारी रमेश मुर्मू, कोषाध्यक्ष चंद सोरेन, किशोर मुर्मू, प्रेमराज हेंब्रम, प्रेमचंद मुर्मू, सनातन चौड़े, सिकंदर हेंब्रम, सोनालाल मुर्मू, डिमांड मरांडी, अनिल हेंब्रम आदि मौजूद थे.
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