सुपौल. बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक लगातार सख्त फैसले ले रहे हैं बावजूद लापरवाह शिक्षक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे शिक्षकों से निपटने के लिए विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है. ताजा मामला सुपौल से सामने आया है, जहां एक बार फिर केके पाठक का डंडा चला है. शिक्षा विभाग का आदेश नहीं मानने पर सुपौल के 9 हेडमास्टर पर गाज गिरी है.
हेडमास्टर को निलंबित करने की अनुशंसा
सुपौल में शौचालय निर्माण नहीं कराने पर सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ ने जिले के 9 हेडमास्टर को निलंबित करने की अनुशंसा विभाग से कर दी है. डीपीओ ने सदर प्रखंड के चार स्कूलों के हेडमास्टर को निलंबित करने की अनुशंसा के साथ ही राघोपुर प्रखंड में दो और छातापुर प्रखंड में दो हेडमास्टर और मरौना प्रखंड में एक एचएम को निलंबित करने की अनुशंसा की है. इसके साथ ही सभी हेडमास्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी अनुशंसा की गई है.
सभी स्कूलों को राशि आवंटित की गई
जानकारी के मुताबिक, राज्य के सरकारी स्कूलों में शौचालय और क्लासरूम के निर्माण कार्य के लिए सभी स्कूलों को राशि आवंटित की गई थी. सभी स्कूलों में लड़कों के लिए अलग और लड़कियों के लिए अलग शौचालय का निर्माण कराना था. विभाग की तरफ से शौचालय निर्माण के लिए स्कूलों को कई बार कहा गया लेकिन राज्य के 9 स्कूलों में हेडमास्टर की लापरवाही के कारण निर्माण कार्य पूरा करना तो दूर अभी तक शुरू भी नहीं हो सका है.
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30 दिसंबर तक का समय निर्धारित किया गया
राज्य परियोजना निदेशक की तरफ से जारी आदेश के अनुसार निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 30 दिसंबर तक का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन तय समय सीमा खत्म होने को हो और 9 स्कूलों में अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है. इस सभी स्कूलों में हेडमास्टर की लापरवाही सामने आने के बाद विभाग ने 9 हेडमास्टर को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा कर दी है.