यूपी के बांदा (Banda) में एक महिला ने शादी के सात महीने बाद ही ससुराल वालों के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. साथ ही पति पर नामर्द होने का संगीन आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है. महिला की शिकायत पर तिंदवारी थाना पुलिस ने पति का जिला अस्पताल में चार डॉक्टरों के पैनल डॉ. विनीत सचान, डॉ. हरदयाल, डॉ. अंकित व डॉक्टर ह्दयेश पटेल व एक पैथोलॉजिस्ट से मेडिकल परीक्षण कराया है. तिंदवारी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 32 वर्षीय महिला ने 26 अक्टूबर को थाने में तहरीर दी थी कि मेरी शादी 6 मई 2023 को हिंदू-रीति रिवाज के अनुसार हुई थी. इसके बाद मैं अपने घर से हमीरपुर के लिए विदा हो गई. लेकिन यह शादी छल, फरेब, झूठ बोल कर और तथ्य को छिपाकर की गई. मुझे पति से पत्नी होने का सुख भी नहीं मिला. इसमें मेरे पति के बड़े भाइयों ने बहुत झूठ बोला. जब मैं ससुराल गई, तो वहां मेरे पति का व्यवहार मुझे गलत लगा. वह मेरे सामने आने, बोलने, बैठने, लेटने से कतराता रहा. मैंने पूछा तो उसने कहा कि मैं अभी तेरे काम का नहीं हूं. मेरी दवा चल रही है. महिला ने आगे बताया कि अपने पति की ये बातें सुनने के बाद मैंने उससे कहा कि ऐसी हालत में मुझे धोखा क्यों दिया? मैंने अपनी सास, दोनों जेठ-जेठानियों और अविवाहित ननद से इसकी शिकायत की. इसके बाद सभी मुझे कहने लगे कि इंतजार करो. उन्होंने कहा कि इस बात को मैं अपने मायके वालों को न बताऊं. इसके बाद मेरा देवर मुझसे बोला कि अगर मेरा पति ठीक नहीं हुआ, तो वह मुझे अपना बना लेगा. मेरे देवर की नीयत सही नहीं थी.
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पीड़िता ने आगे बताया कि पति ने कहा कि अगर तुम मेरी बदनामी करोगी, तो तेरी हत्या कर देंगे. मैंने ऐसी हालात की सूचना मोबाइल पाकर अपने मायके वालों को दे दी. मेरे ससुराल वाले मुझे मोबाइल फोन से बात भी नहीं करने देते थे. इसके बाद मेरे पिता ने फोन से कहा कि आप लोगों ने धोखा और छल किया है. मैं अपनी बेटी को लेने आ रहा हूं. इसके बाद मेरी सास ने आक्रोशित होकर मेरा पूरा जेवर और सामान रख लिया. मेरे पति, सास-देवर, जेठानी और ननद ने मुझे कमरे में बंद कर दिया. मेरे साथ गाली-गलौज की गई. उन्होंने मारपीट भी की. महिला ने बताया कि उस दिन मुझे जान से मारने की बात कहते हुए मेरा पति कमरे में आ गया. उसने मुझसे कहा कि मैं तेरा इंतजाम करने के लिए किसी को भी तेरे पास भेजूंगा. इस पर मैंने उसे लताड़ा और खूब रोई. इस पर उसने तैश में आकर मेरे कपड़े उतार दिए. फिर मेरे प्राइवेट पार्ट में कठोर चीज डालने का प्रयास किया. इसके बाद लकड़ी डाल दी. मैं विरोध में चिल्लाई. मेरे प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोट आ गई. कष्ट और सदमे में किसी तरह वहां से भागी. इसके बाद मेरी सास और जेठ ने मुझे पकड़ लिया. उन्होंने मुझे धमकाया और कहा कि यह बात किसी को बताओगी, तो बदनामी तुम्हारी होगी.
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पीड़िता ने बताया कि एक दिन मेरे पिताजी घर आए और इलाज के बहाने मुझे लेकर चले गए. इसके बाद 6 सितंबर को मेरा पति, दोनों जेठ और दो अज्ञात लोग मेरे घर आ गए. मेरी मां और मैं ही घर पर थे. वो लोग मुझे घर से घसीटने लगे. मुझे निर्वस्त्र कर दिया गया. सभी ने मेरे साथ मारपीट की और कहा कि हम लोगों ने इसलिए शादी नहीं की थी कि मेरा भाई कुंवारा बैठे. समाज में मेरा भाई शादीशुदा दिखे, उसे शादी से पैसे मिले, इसलिए शादी की थी. वो लोग दबंग थे. इसलिए मुझे जबरन ससुराल ले गए. यहां 13 दिन तक मुझे शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई. वो लोग दुर्व्यवहार करते रहे. उन्होंने मेरे घर वालों से 2 लाख रुपए की डिमांड की. मेरा जीवन बर्बाद कर दिया गया. धोखे और छल से की गई शादी से मेरा सब कुछ बर्बाद हो गया. मुझे न्याय चाहिए.
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बता दें कि 26 अक्टूबर को लिखी गई एफआईआर में पति, दो जेठ, देवर सास और ननद के अलावा 2 अज्ञात समेत कुल 10 लोगों पर केस दर्ज किया गया था. इस पर तिंदवारी थाना पुलिस ने शनिवार को पति का जिला अस्पताल में चार डॉक्टरों के पैनल डॉ. विनीत सचान, डॉ. हरदयाल, डॉ. अंकित, डॉ. ह्दयेश पटेल और सीनियर लैब टेक्नीशियन रामलखन से मेडिकल परीक्षण कराया है. वहीं तिंदवारी थानाध्यक्ष कौशल सिंह ने बताया कि महिला की तहरीर पर पति के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. आरोपी पति ने कोर्ट से स्टे लिया है. पति को शनिवार को विवेचना के चलते बुलाया गया था. विवेचना के तहत उसका मेडिकल कराया गया है.