पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर शनिवार को 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज पर हुए ड्रोन हमले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ी चेतावनी दे डाली है. उन्होंने कहा, हमला करने वालों को हम पाताल से भी खोज निकालेंगे और कड़ी से कड़ी सजा देंगे.
भारत सरकार ने ‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन हमले को गंभीरता से लिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत सरकार ने ‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन हमले और लाल सागर में ‘एमवी साईबाबा’ पर हमले की घटना को गंभीरता से लिया है. वाणिज्यिक पोतों पर हाल के हमलों के बाद भारत ने समुद्र में गश्त बढ़ा दी है. हम वाणिज्यिक पोतों पर हुए हालिया हमलों के जिम्मेदार लोगों का हर हाल में पता लगाएंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे.
#WATCH | Mumbai: Defence Minister Rajnath Singh at the Commissioning Ceremony of ‘INS Imphal’ says, "Nowadays the turbulence in the sea has increased a bit. India's growing economic and strategic power has filled some forces with jealousy and hatred. The Government of India has… pic.twitter.com/qZokDW0kCu
— ANI (@ANI) December 26, 2023
पेंटागन ने रविवार को बताया था कि एमवी केम प्लूटो हमले का शिकार हुआ
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने रविवार को कहा था कि एमवी केम प्लूटो ईरान की ओर से छोड़े गए ड्रोन हमले की चपेट में आया.
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आईसीजीएस विक्रम ने एमवी केम प्लूटो की मदद की
भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने अरब सागर में ड्रोन हमले का सामना करने वाले लाइबेरिया के ध्वज वाले व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो के सोमवार को मुंबई पहुंचने पर उसका विस्तृत निरीक्षण किया.
क्या है मामला
शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज पर एक ड्रोन हमला किया गया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता प्रदान करने के लिए कई पोत तैनात किये.
ड्रोन हमले की पुष्टि
नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा, जहाज के पहुंचने पर भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने हमले का प्रकार और प्रकृति का प्रारंभिक आकलन करने के लिए जहाज का निरीक्षण किया. हमले के क्षेत्र और जहाज पर मिले मलबे का निरीक्षण करने से संकेत मिलता है कि यह ड्रोन हमला था. उन्होंने कहा, हालांकि, हमले के प्रकार और इसमें इस्तेमाल विस्फोटक की मात्रा का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की आवश्यकता होगी.