वर्ष 2011 यानि 12 साल पहले केबीसी (कौन बनेगा करोड़पति) शो में पांच करोड़ जीत कर सुर्खियां बटोरने वाले बिहार के सुशील कुमार ने अब शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान का आगाज किया है. अब वो बिहार के बच्चों को सरकारी स्कूल में साइकॉलोजी (मनोविज्ञान) विषय पढ़ाएंगे. सुशील का चयन बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के दूसरे चरण के अंतर्गत वर्ग 11वीं-12 कक्षा के लिए हुआ है. उन्होंने 119 वीं रैंक प्राप्त की है. इसके साथ ही सुशील कुमार का चयन बीपीएससी शिक्षक कक्ष 6 से 8 में भी हुआ है. सोशल साइंस विषय के लिए उनको सलेक्ट किया गया है. जिसमें उनकी रैंक 1692 है. इस बात की जानकारी उन्होंने स्वयं सोशल मीडिया पर दी है.
मेरा बीपीएससी टीचर 11- 12 में और 6 टू 8 में रिजल्ट आ गया।
मनोविज्ञान
रैंक 1196 टू 8 में
1692 रैंक
😊❤️🙏 pic.twitter.com/HOJfhGh8EQ— Sushil Kumar (@SushilKumarKBC) December 26, 2023
गृह जिले में होगी पोस्टिंग
मोतिहारी के हनुमानगढ़ निवासी सुशील कुमार ने बताया कि उनकी पोस्टिंग उनके गृह जिले में होगी. उन्होंने 15 दिसंबर को मुजफ्फरपुर के आरडीएस कॉलेज में शिक्षक पात्रता परीक्षा दी, जिसमें वे सफल रहे. शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए चयनित होने पर सुशील कुमार ने कहा कि चयनित होने पर उन्हें काफी संतुष्टि महसूस हो रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी काउंसलिंग होनी बाकी है और उन्हें जल्द ही अपनी ड्यूटी शुरू करनी है.
केबीसी सीजन 5 में सुशील ने जीती थी पांच करोड़ की राशि
सुशील कुमार साल 2011 में केबीसी सीजन 5 के विजेता बने थे. जहां उन्होंने 5 करोड़ रुपये की रकम जीती थी. जिसके बाद वह सुर्खियों में आ गए और उनकी जिंदगी बदल गई. सभी लोग उन्हें पहचानने लगे. वे जहां भी जाते, लोग उन्हें घेर लेते. वह एक प्रकार का स्थानीय सेलिब्रिटी बन गए थे. इस दौरान वह स्थानीय स्तर पर कई कार्यक्रमों में अतिथि के तौर पर भी शामिल होते रहे. केबीसी में जीतने से पहले, सुशील ने 2007 में पढ़ाई के दौरान मनरेगा में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम किया और पश्चिम चंपारण के चनपटिया ब्लॉक में काम किया.
सुशील के सामने आईं कई चुनौतियां
केबीसी से 5 करोड़ रुपये जीतने के बाद सुशील ने कई बिजनेस भी शुरू किए, लेकिन हर बार उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. उनका पढ़ाई से भी मोहभंग हो गया था. धीरे-धीरे उनके जीवन में कई चुनौतियां आईं. उनका अपनी पत्नी से भी मतभेद रहने लगा. इस बीच वह काम के लिए मुंबई भी गए लेकिन वहां भी उनका मन काम में नहीं लगा और वापस लौट आए. लेकिन 2016 में उन्होंने एक बार फिर पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया और अब उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा पास कर ली है और टीचर बन गए हैं.