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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने झारखंड से पैदल अयोध्या चला विक्की महतो

विक्की महतो रेंगालबेड़ा गांव का रहने वाला है. रांची में प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) से बातचीत में उसने बताया कि 24 दिसंबर को वह अपने गांव से अयोध्या के लिए चला था. अभी लंबा सफर तय करना है, लेकिन उसे इस बात का पूरा विश्वास है कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या नगरी पहुंच जाएगा.

रांची, राजलक्ष्मी: अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान होने वाले हैं. 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. देश-विदेश के एक लाख से अधिक लोगों के लिए टेंट सिटी का निर्माण हुआ है. सरयू के तट पर बसी अयोध्यानगरी अभी से राममय हो गई है. देश भर से लोग इस विशेष समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या जाने की योजना बना रहे हैं. झारखंड की राजधानी रांची से 200 किलोमीटर दूर स्थित पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर प्रखंड से एक युवक ने पैदल अयोध्या जाने का निश्चय किया है. वह 700 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए अयोध्या के लिए निकल पड़ा है. विक्की महतो 200 किलोमीटर की दूरी तय करके रांची पहुंच चुका है. यहां से वह अयोध्या के लिए आगे बढ़ रहा है. विक्की महतो रेंगालबेड़ा गांव का रहने वाला है. रांची में प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) से बातचीत में उसने बताया कि 24 दिसंबर को वह अपने गांव से अयोध्या के लिए चला था. अभी लंबा सफर तय करना है, लेकिन उसे इस बात का पूरा विश्वास है कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या नगरी पहुंच जाएगा.

अयोध्या जाने की इच्छा हुई और चल पड़ा : विक्की महतो

विक्की महतो ने खुद को राम भक्त बताते हुए कहा कि जब से उसने सुना है कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, तब से ही अयोध्या जाने की इच्छा मन में जग गई. तय किया कि वह भगवान श्रीराम की जन्मस्थली जरूर जाएगा. यह पूछने पर कि वह पैदल ही अयोध्या क्यों जा रहा है, विक्की महतो ने कहा कि बस राम का बुलावा आया, तो बैग उठाकर ऐसे ही निकल पड़ा. विक्की ने बताया कि एक स्वेटर और मात्र एक जोड़ी अतिरिक्त कपड़ा लेकर विक्की अपनी यात्रा पर निकल पड़ा है. उसने बताया कि जब परिवार के लोगों से इस बारे में बात की, तो घर में भी किसी ने नहीं रोका. सभी ने उत्साह बढ़ाया. इसके बाद वह भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए निकल पड़ा.

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राम का नाम लेकर आगे बढ़ रहा विक्की महतो

बता दें कि विक्की महतो प्रतिदिन 50 किलोमीटर पैदल चल रहा है. रात में हिंदू समाजसेवी संस्थाओं की मदद से कहीं भी रुक जाता है. कई संस्थाएं हैं, जो विक्की के ठहरने का इंतजाम कर देतीं हैं. विक्की कहता है कि अब तक इतना चलने के बाद भी कोई परेशानी नहीं हुई है. राम का नाम लेकर ही अब तक की यात्रा पूरी हुई है. आगे भी भगवान राम के नाम के साथ ही अपनी मंजिल तक पहुंचना है. विक्की अभी बीएससी की पढ़ाई कर रहा है.

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