बिहार के मुंगेर के कोतवाली थाना क्षेत्र के तोपखाना बाजार निवासी सत्यनारायण यादव और उसके परिवार के लिए बीतता हुआ साल 2023 काफी खुशियों वाला रहा. क्योंकि 14 साल पहले घर से भागा उनका मासूम बेटा अब जवान होकर वापस लौट आया है. उसके आने से परिवार में खुशियों का माहौल है. बताया जाता है कि वर्ष 2009 में सत्यनारायण ने अपने चार बच्चों में से सबसे छोटे बेटे धीरज को किसी बात को लेकर डांटा- फटकार था. जिसके बाद धीरज गुस्सा होकर घर छोड़ का चला गया. जिसके बाद परिजनों ने मुंगेर से लेकर पटना और दिल्ली तक उसकी खूब तलाश की, परंतु वह कहीं भी नहीं मिला. परिजन सालों तक उसे ढूंढते रहें, लेकिन उसका पता नहीं चला. तब उसके परिजनों ने उम्मीद छोड़ दी और सोचा की धीरज अब कभी घर वापस नहीं आएगा.
अचानक 14 साल बाद घर पहुंचा धीरज
घर वालों ने तो उम्मीद छोड़ दी लेकिन, धीरज की मां अपने बेटे को नहीं भूल पाई. वो इस उम्मीद में थी की आज नहीं तो कल उनका बेटा लौट कर घर वापस आएगा. तभी अचानक एक दिन पहले यानि बुधवार की सुबह उनके घर एक युवक पहुंचा और परिवार वालों को अपना परिचय दिया कि वह उनका बेटा है जो 14 साल पहले घर छोड़ कर भाग गया था. पहले तो परिवार वालों को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ कि वह धीरज ही है. क्योंकि जब वह घर छोड़ गया था तो वह काफी छोटा था. अब वह जवान हो चुका था.
बांटी गई मिठाइयां
जब धीरज के परिवार वालों को उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ तो उसने सारी पुरानी बातें अपने परिवार वालों को बताईं. जिसके बाद परिवार के लोगों ने उन्हें पहचान लिया और गले से लगा लिया. 14 साल पहले बिछड़े बेटे को वापस घर में देख कर माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा किया और सभी को मिठाइयां बांटीं. बेटे की वापसी से पूरे परिवार में खुशी का माहौल था. इस मौके पर भोज का भी आयोजन किया गया.
घर का रास्ता भूल गया था धीरज
इस हैरान कर देने वाली घटना के बारे में बताया जाता है कि तोपखाना बाजार निवासी सत्यनारायण यादव चाय की दुकान चलाते हैं. साल 2009 में जब उनका बेटा 13 साल का था तो उन्होंने किसी बात पर धीरज को डांट लगा दी, जिससे तंग आकर वह कहीं भाग गया था. 14 साल तक लापता रहने के बाद 27 दिसंबर 2023 की सुबह 5 बजे वह अपने घर वापस लौट. हालांकि, जब वह घर आ रहा था तो रास्ते में थोड़ा गूम हो गया. उसे याद नहीं था कि कौन सा घर उसका है. लेकिन इसी दौरान उसकी नजर अपने चाचा की लड़की पर पड़ी और उसने उसे पहचान लिया और फिर घर में घुस गया.
धीरज ने कई शहरों में की मजदूरी
14 साल बाद घर लौटे धीरज ने बताया कि घर से भागकर वह दिल्ली पहुंच गया था. जहां उन्होंने कुछ दिन तक काम किया और फिर मेरठ चला गए. वह मेरठ में भी अधिक समय तक नहीं रहा हैं. वहां कुछ दिनों तक काम करने के बाद उसने पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी काम किया. धीरज कई जगहों पर छोटे-मोटे मजदूर के तौर पर काम करता था. इसी दौरान करीब छह महीने पहले उनकी तबीयत खराब हो गई और उनके साथ काम करने वाले लोगों ने उसे घर वापस जाने की सलाह दी. उसे घर की भी याद आ रही थी इसलिए उसने वापस लौटने का फैसला किया और बुधवार को अपने घर पहुंच गया.
परिवार में खुशी का माहौल
धीरज के माता-पिता अपने बेटे की वापसी से बेहद खुश हैं. खासकर धीरज के पिता क्योंकि वे धीरज के घर से भागने के लिए किसी न किसी तरह खुद को जिम्मेदार मानते थे. धीरज की मां ने अपने बेटे की वापसी पर खुशी जताई और कहा कि भगवान ने उनके बेटे को सुरक्षित घर भेज दिया है. उन्होंने कहा कि उनका बेटा 14 साल बाद वनवास से लौटा है. अब वह अपने बेटे को कहीं नहीं जाने देगी.