अयोध्या को त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप सुसज्जित किया जा रहा है. त्रेता युग में जिस तरह रावण का वध कर भगवान श्रीराम पुष्पक विमान से लंका से वापस लौटे थे, कुछ ऐसा ही दिव्य नजारा 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या में देखने को मिलेगा. देशी-विदेशी फूलों और तोरणद्वार के जरिये अयोध्या को दुल्हन की तरह तैयार किया जा रहा है. पूरे अयोध्या पर पुष्प वर्षा कराने की तैयारी है. इसके लिए कई क्विंटल फूलों का इंतजाम किया गया है. इस भव्य आयोजन के दिन देश-विदेश से 100 से अधिक विमानों से विशिष्ट मेहमानों के अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की संभावना है. मेहमानों के स्वागत के लिए दो दर्जन से अधिक भव्य तोरणद्वार बनाये जायेंगे. देशी-विदेशी फूलों से अयोध्या महक उठेगी. प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने आ रहे विशिष्ट अतिथियों को अयोध्यावासियों के घरों में ठहराने की तैयारी चल रही है. आरएसएस इसकी माइक्रोप्लानिंग कर रहा है. अतिथियों के लिए उत्कृष्ट आवास की खोज हो रही है.
एक नजर में ये भी जानें
-16 जनवरी से हो जायेगी अयोध्या में अनुष्ठानों की शुरुआत
-भव्य राम मंदिर के लिए 51 इंच का रामलला का नवीन विग्रह बन कर तैयार
-नवीन विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा के लिए 16 से शुरू हो जायेंगे धार्मिक अनुष्ठान
-सरयू नदी में स्नान के बाद उत्तरी द्वार से होगा रामलला का राम मंदिर में प्रवेश
-22 जनवरी को दोपहर 12:29 से 84 सेकेंड के मृगशिरा मुहूर्त में होगी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा
फर्श पर बिछेगी भदोही की कालीन
-भव्य राम मंदिर के मंडपम और विथिका में फर्श पर हाथ से बुनी भदोही की कालीन बिछायी जायेगी
-दीवारों पर छह गुणा आठ फीट की आठ किलोग्राम वजन की विशाल वॉल हैंगिंग लगायी जायेगी
-वॉल हैंगिंग पर भगवान राम और माता सीता के साथ हनुमान जी की आकृति को भी उकेरा जायेगा
-कालीन निर्माण के लिए भदोही जेल के 12 कैदियों सहित 40 बुनकरों का किया गया है चयन
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श्री राम जन्मभूमि परिसर में चारों वेदों की सभी शाखाओं का पारायण और यज्ञ अनवरत चल रहा है. प्राण प्रतिष्ठा से पहले अलग-अलग दिन कई अनुष्ठान पूरे किये जायेंगे. परिसर में अलग-अलग अनुष्ठान के लिए कई यज्ञ मंडप बनाये जा रहे हैं. मुख्य अनुष्ठान गर्भगृह में होगा. काशी के वैदिक विद्वान पंडित गणेश्वर द्रविड़, आचार्य लक्ष्मीकांत शास्त्री जनवरी के पहले हफ्ते में यहां पहुंच रहे हैं.