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पटना में कोरोना का एक और मरीज मिला, बिहार में आधा दर्जन लोग अबतक हो चुके हैं संक्रमित, जानिए ताजा अपडेट..

बिहार में कोरोना का एक और मरीज मिल चुका है. पटना में इलाज कराने आए एक मरीज में कोरोना पाया गया. बिहार में अबतक आधा दर्जन मरीज कोविड पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज मिला है. जानिए ताजा अपडेट..

Bihar Corona Cases: बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अभी तक आधा दर्जन केस सामने आ चुके हैं. वहीं देश के कई हिस्सों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े तो बिहार का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर है. सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है जबकि एयरपोर्ट व जिलों में कोविड टेस्ट की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. कोविड वार्ड को तैयार कर लिया गया है. वहीं एकबार फिर से राजधानी पटना में एक कोरोना मरीज मिला है. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गुरुवार को हुई कोरोना जांच में 30 वर्षीय युवक संक्रमित पाया गया है. वह बेगमपुर मुहल्ले का रहने वाला है.

पटना में एक और कोरोना मरीज मिला.. 

पटना में एक और कोरोना संक्रमित मरीज मिला है. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने इसकी पुष्टि की है. संक्रमित युवक की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन ने बताया कि युवक दंत विभाग में उपचार कराने के लिए आया था. इसी दौरान कोरोना जांच में वह पॉजिटिव पाया गया. युवक का होम आइसोलेशन में उपचार चल रहा है. बता दें कि एक महिला भी पटना में इसी तरह कोरोना पॉजिटिव पाई गयी थी. बुजुर्ग महिला अपनी आंख का ऑपरेशन कराने पहुंची थी जहां कोविड टेस्ट के दौरान कोरोना संक्रमित पायी गयी.

पटना एम्स और IGIMS में सर्जरी से पहले कोरोना जांच जरूरी

इधर, पटना एम्स व आइजीआइएमएस में अब सर्जरी से पहले मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गयी है. एम्स कोविड वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार ने बताया कि जनरल सर्जरी, ऑर्थो सर्जरी, नाक, कान गला रोग और नेत्र रोग में होने वाली सर्जरी से पहले कोरोना जांच करायी जायेगी. आइजीआइएमएस के उपनिदेशक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मरीज की सर्जरी करने का निर्देश दिया गया है.

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देशभर में कोरोना के मामले..

गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में कोरोना ने फिर एकबार परेशानी बढ़ायी है. कोरोना का नया सब वैरिएंट जेएन- 1 सामने आया है. गुरुवार को इस सब वैरिएंट के 157 नए केस सामने आए हैं. केरल में कोरोना के मामले सबसे अधिक सामने आए. गुरुवार को केरल में जेएन 1 से संक्रमित 78 मरीज चिन्हित किए गए. वहीं 34 मरीज गुजरात में भी मिले हैं. वहीं देशभर में कोविड 19 के कुल 692 नए मामले बीते 24 घंटे के अंदर मिले हैं. देश के 9 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन 1 ने दस्तक दे दी है.

बाहरी राज्यों से आए लोगों में भी मिला कोरोना

देशभर में कोरोना ने फिर से पांव पसारना शुरू किया तो बिहार सरकार भी अलर्ट हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग ने अहम बैठक की और कोरोना के बढ़ते मामले को देखकर बिहार को अलर्ट किया. कई दिशा निर्देश दिए गए हैं. वहीं बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर विशेष रूप से निगरानी की जरूरत है. दरअसल, शुरुआत में जब पटना में कोरोना के दो मामले मिले तो दोनों मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री थी. दोनों मरीज दूसरे राज्याें से बिहार आए थे. हालांकि अबतक मिले सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में ही रखा गया है. उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है.

रेलवे स्टेशन पर भी नहीं हो रही जांच

राज्य स्वास्थ्य समिति के गाइडलाइन के तहत रेलवे स्टेशन सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर भी कोरोना जांच की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन निर्देश के आठ दिन बीत जाने के बाद भी रेलवे स्टेशनों पर कोरोना जांच की मजबूत व्यवस्था नहीं की गयी, जबकि रोज यहां हजारों यात्री बाहर से आते हैं. कोरोना जांच की ऐसी ही स्थिति रही, तो कभी भी शहर में कोरोना संक्रमण फैल सकता है. मुजफ्फरपुर समेत कई स्टेशनों पर कोरोना जांच अभी तक शुरू नहीं की जा सकी है.

कोरोना जांच में लापरवाही पड़ सकती है भारी..

कोरोना जांच के लिए इस बार प्लानिंग तो की गयी है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है. नयी व्यवस्था के तहत इस बार सभी पीएचसी को रोज 100 आरटीपीसीआर टेस्ट का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन मुजफ्फरपुर के पीएचसी में 50 का आंकड़ा भी पूरा नहीं हो रहा है. पिछले आठ दिनों से चल रहे कोरोना जांच में अब तक 16 पीएचसी से 6500 सैंपल लिये गये, लेकिन डेढ़ हजार की जांच ही हो पायी है. शेष सैंपल पीएचसी में ही रखे हैं. जांच सैंपल को एसकेएमसीएच भेजने में उदासीनता के कारण मरीजों को जांच रिपोर्ट नहीं मिल रही है. सदर अस्पताल और पीएचसी में मरीज रिपोर्ट के लिये चक्कर लगा रहे हैं. सही तरीके से मॉनीटरिंग नहीं होने के कारण इस बार कोरोना जांच मजाक बन कर रह गया है.

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