प्रणव, रांची :
झारखंड के 1395 लड़के-लड़कियां लापता हैं. इनमें 652 लड़के व 743 लड़कियां हैं. सभी एक वर्ष से ज्यादा समय से लापता हैं. नेशनल क्राइम रिकाॅडर्स ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा वर्ष 2022 में जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. लापता लड़के-लड़कियां कहां और किस स्थिति में हैं, इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आयी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 में 2214 लड़के-लड़कियां लापता हुए थे. इनमें 956 लड़के और 1238 थीं. इससे पहले के वर्षों में लापता हुए 472 लड़के व 476 लड़कियों का अब तक पता नहीं चल पाया हैं. वर्ष 2022 में 304 लड़के और 515 लड़कियों को बरामद किया गया था. उल्लेखनीय है कि झारखंड में पहले सीआइडी के स्तर पर लापता बच्चों की खोज को लेकर ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा था. लेकिन चार-पांच वर्षों से यह अभियान बंद है. स्थानीय प्रशासन के स्तर पर ही कुछ हद तक कार्रवाई होती है.
एनसीआरबी के अनुसार, सिर्फ 2022 में 18 वर्ष से कम उम्र (नाबालिग) के 33 लड़के व 96 लड़कियाें की तस्करी हुई है. इनके अलावा 18 वर्ष व उससे अधिक उम्र के 10 लड़के व 29 लड़कियों की भी तस्करी हुई है. इनमें से 90 को जबरन काम कराने के लिए ले जाया गया था. दो का यौन शोषण किया गया. जबकि, 57 को घरेलू काम-काज में लगाया गया था. इसके अलावा एक की जबरन शादी करायी गयी. वहीं, दो को अन्य वजहों से ले जाया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में 18 वर्ष से कम उम्र के 33 लड़के व 96 लड़कियों को मुक्त कराया गया.
जबकि, 18 वर्ष या इसे अधिक उम्र में 10 लड़के और 29 लड़कियों को भी मुक्त कराया गया. झारखंड पुलिस के 24 जिलों में बनाये गये एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट है, जहां मानव तस्करी को लेकर वर्ष 2020 में 148, 2021 में 92 और 2022 में 100 केस दर्ज किये गये थे. पुलिस ने वर्ष 2022 में मानव तस्करी से जुड़े केस में 131 आरोपियों को गिरफ्तार किया. 87 के खिलाफ चार्जशीट किया. 19 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया. जबकि, साक्ष्य के अभाव में 22 आरोपी बरी हो गये.