रांची : झारखंड सरकार के चार वर्ष पूरा होने पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में सरप्लस बजट के साथ जन्मे झारखंड को भाजपा ने बीमारू राज्य बना दिया. डबल इंजन वाली भाजपा सरकार ने 11 लाख गरीबों का राशन कार्ड रद्द कर दिया था. हमारी सरकार ने 20 लाख नये राशन कार्ड बना कर लोगों को अनाज दिया. अब तो कार्ड धारकों को मुफ्त दाल भी दी जा रही है. राज्य बनने के 20 सालों बाद तक केवल 16 लाख गरीबों को ही पेंशन का अधिकारी माना गया था. वहीं, अब पिछले चार साल में 36.20 लाख लोगों को पेंशन योजनाओं का लाभुक बनाया गया. पड़ोसी राज्यों में 250-300 रुपये ही पेंशन दी जाती है. जबकि, झारखंड में सभी को एक हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलते है. श्री सोरेन शुक्रवार को मोरहाबादी में आयोजित राजकीय समारोह में बोल रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 20 वर्षों के दौरान राज्य में महिला समूह की दीदियों को 6,000 करोड़ ही दिये गये हैं. जबकि, गुजरे चार वर्षों में दीदियों को 8,000 करोड़ बांट कर सबल बनाने की कोशिश की गयी है. उन्होंने कहा कि गरीबों को अपना हक-अधिकार लड़ कर लेना पड़ता है. भाजपा किसान विरोधी है. भाजपा सरकार के काले कानून को हटाने के लिए किसानों को एक साल तक अपना घर-परिवार छोड़ कर दिल्ली का घेराव करना पड़ा. आंदोलन में सैकड़ों किसानों ने शहादत भी दी. झारखंड में भाजपा सरकार ने 20 सालों में आठ लाख किसानों को ही क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी थी. हमने चार सालों में 20 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड सुलभ कराया. पहले किसानों को पशुधन योजनाओं के तहत बीमार पशु दिये जाते थे.
हमने बदलाव किया. अब किसानों को बीमार नहीं, बल्कि बीमा कराने के बाद ही पशुधन दिया जायेगा. पशुओं के मरने पर किसान को बीमा कंपनी सहायता देगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में मांस, मछली और अंडा की काफी खपत है. यहां देश के विभिन्न राज्यों से उसका आयात किया जाता है. पशुधन में किसानों की रूचि बढ़ने पर झारखंड का पैसा दूसरे राज्यों में नहीं जायेगा. राज्य सरकार 90 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को पशुपालन के लिए पशु उपलब्ध करा रही है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने गरीबों को आवास देने के लिए भारत सरकार के सामने बहुत नाक रगड़ा. लेकिन, केंद्र ने झारखंड का आवंटन छीन कर उत्तर प्रदेश को दे दिया. इस वजह से हमारी सरकार को अबुआ आवास योजना बनानी पड़ी. हम राज्य के आठ लाख गरीबों को केंद्र सरकार से बेहतर आवास बना कर देंगे. इस पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करेंगे. जरूरत पड़ी, तो और भी राशि का इंतजाम किया जायेगा. राज्य सरकार को गरीब, मजदूर, किसान की चिंता है. अपनी बेटियों की चिंता है. राज्य के गरीबों को अब अपनी बेटियों को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार के जिम्मे है. सावित्री बाई फूले योजना के तहत आठ लाख बच्चियों को 40 हजार रुपये दिये जा रहे हैं. दो बच्चियों से अधिक होने पर भी योजना का लाभ बेटियों को मिलेगा. विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है. प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर पांच हजार उत्कृष्ट विद्यालय खोलने का लक्ष्य रखा गया है. इन स्कूलों में गरीबों के बच्चों को पढ़ने का अवसर प्रदान किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य में गांवों को आपस में जोड़ने के लिए सड़क निर्माण पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. छह हजार करोड़ रुपये से ग्रामीण सड़कें बनायी जा रही है. सात हजार करोड़ सड़कों के चौड़ीकरण पर खर्च किया गया है. ट्रैफिक जाम की वजह से सरकती रांची में फ्लाइओवरों का निर्माण किया जा रहा है. सभी जिलों में बाइपास बनाया जा रहा है. श्री सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार गांवों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. आदिवासियों को बैंक लोन नहीं देते हैं. उनके लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना लाकर 12,000 युवाओं को ऋण देकर स्वरोजगार कराया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपीएससी के माध्यम से पहली बार राज्य में निर्विवाद नियुक्तियां की गयी. जेपीएससी ने रिकार्ड 250 दिनों में ही नियुक्ति प्रक्रिया खत्म कर रिजल्ट प्रकाशित कर दिया. निकाले गये परिणाम गरीब, मजदूर और किसानों के बच्चों को भी बीडीओ, सीओ जैसे पदों के लिए चुना गया. 30 से अधिक बीपीएल परिवार के बच्चों ने जेपीएससी की परीक्षा पास की है. उन्होंने कहा कि पहली बार निजी उद्योगों में 75 प्रतिशत स्थानीय को नौकरी देने का कानून बना 50,000 नौजवानों को रोजगार दिलाया गया. इसके अलावा शिक्षकों, अभियंताओं, लिपिकों, पंचायत सचिवों, चिकित्सकों, लोक अभियोजकों आदि की 45,000 से अधिक नियुक्तियां कर रोजगार सुलभ कराया गया है.