परमहंस योगानंद के आर्विभाव दिवस (जन्मदिवस) पांच जनवरी को उनकी प्रसिद्ध आत्म साक्षात्कार पाठमाला के नए संस्करण विमोचन किया जाएगा. यह विमोचन कार्यक्रम योगदा सत्संग सोसाइटी के नोएडा स्थित कार्यालय में आयोजित किया जाएगा. आत्म साक्षात्कार पाठमाला में जीवन को जीने की कला की शिक्षा दी गई है. पाठमाला के नए संस्करण को इस प्रकार से पुनर्गठित किया गया है कि नए साधक आठ महीने के अध्ययन के पश्चात् क्रियायोग के लिए आवेदन करने के योग्य हो सकेंगे. पहले पाठ से ही, साधकों को निश्चित पद्धतियां प्राप्त होंगीं जिनके अभ्यास से वे शीघ्र ही ध्यान के लाभों का अनुभव कर सकेंगे. गहन ध्यान के लिए एक ठोस आधार का निर्माण करते हुए साधक क्रियायोग के व्यापक आध्यात्मिक विज्ञान में आवश्यक पहले चरण के रूप में परमहंस योगानंद द्वारा सिखाई गई तीन शक्तिशाली प्रविधियों को सीखते हैं. उक्त जानकारी योगदा सत्संग सोसाइटी के वरिष्ठ स्वामी ईश्वरानंद गिरि ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में दी.
आत्मसाक्षात्कार पाठमाला के नवीन संस्करण में परमहंस योगानंद के लेखन और व्याख्यानों से ली गई सामग्री का समावेश है. यह क्रियायोग के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है. साथ ही इसमें योगानंद जी के अप्रकाशित लेखों को भी शामिल किया गया है. इस पाठमाला का ले-आउट पहले की अपेक्षा अधिक आकर्षक भी बनाया गया है. पहले 182 पाठ थे जिसे 45 माह में प्राप्त किया जा सकता था, लेकिन नये संस्करण में मूल तथ्यों को मात्र 18 पाठों में ही समाहित किया गया है, जिसे नौ महीने के अंतराल में प्राप्त किया जा सकेगा. योगदा सत्संग पाठमाला का नया संस्करण योगानन्दजी के गृह-अध्ययन कार्यक्रम का एक अत्यंत परिष्कृत और विस्तारित स्वरूप है. नई पाठमाला शृंखला में नामांकन के पश्चात डिजिटल एप एसआरएफ/वाईएसएस एप के माध्यम से प्रत्येक पाठ को डिजिटल रूप में अपने मोबाइल फोन या कंप्यूटर पर भी पढ़ा जा सकेगा. प्रत्येक पाठ के साथ डिजिटल प्रारूप में अनुपूरक ऑडियो और वीडियो सामग्री भी उपलब्ध होगी. इस एप्प पर निर्देशित ध्यान-सत्रों के वीडियो भी उपलब्ध हैं.
परमहंस योगानंद ने आत्म साक्षात्कार पाठमाला इस दुनिया को वर्षों पहले प्रदान कर दिया था. शरीर छोड़ने तक वे इसमें नवीन बातों को जोड़ते रहते थे. यह पाठमाला जीवन को संतुलित रूप में जीने की शिक्षा देती है. क्रियायोग के जरिए एक व्यक्ति शरीर, मन और आत्मा को विकसित करने की कला सीखता है. योग वह विज्ञान है, जिसके द्वारा आत्मा शरीर एवं मन के साधनों पर स्वामित्व प्राप्त करती है और उसका उपयोग आत्म -साक्षात्कार के लिए किया जाता है. दरअसल आत्म साक्षात्कार पाठमाला उनके लिए है, जो क्रियायोग मार्ग पर चलना चाहते हैं.
पांच जनवरी को रांची स्थित योगदा मठ में भी परमहंस योगानंद का जन्मदिवस समारोह आयोजित किया जाएगा. साथ ही 2024 में 17 साधना संगम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें से आठ रांची में,नोएडा में चार, दक्षिणेश्वर में तीन और महाराष्ट्र के इगतपुरी में दो संगम आयोजित किए जाएंगे. साथ ही देश भर में योग के प्रसार और आध्यात्मिक वातावरण के निर्माण के लिए योगदा सत्संग सोसाइटी कार्यरत है. शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान देते हुए सोसाइटी लड़के और लड़कियों के लिए 17 शिक्षण संस्थान चलाती है और अस्पताल का संचालन भी किया जाता है, जहां मरीजों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है.
Also Read: अयोध्या में मीरा के घर अचानक चाय पीने पहुंचे पीएम मोदी, देखें फोटो