देवघर : केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में सोमवार को नये साल के पहले दिन निजी बस चालकों का तीन दिवसीय हड़ताल शुरू हुआ. इस हड़ताल का असर देवघर में भी पहली जनवरी को देखने को मिला. लंबी दूरी की प्राय: बसें नहीं चली. बस स्टैंड से मिली जानकारी के मुताबिक, देवघर में करीब 200 बसों का परिचालन नहीं हुआ. इससे यात्रियों को काफी कठिनाई हुई. वहीं बसों के परिचालन बंद रहने से करीब 20 से 25 लाख का कारोबार प्रभावित हुआ. प्राइवेट स्टैंड से पता चला कि सुबह-सुबह धनबाद के लिए लवली बस व रांची के लिए दिव्य ज्योति बस खुली. इसके बाद सुलतानगंज, भागलपुर, बांका, पूर्णियां, कोलकाता, पटना, जमुई, नवादा, गोड्डा, पाकुड़, रांची, गिरिडीह आदि जगहों के लिए कोई बस नहीं खुली. इस कारण इन स्थानों पर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हुई. छिटपुट तौर पर सारठ, बासुकिनाथ व दुमका की बसें जाती दिखी. दोपहर में तो कौशल बस बासुकिनाथ व दुमका के यात्रियों को लेकर जाती दिखी. वहीं सारठ तरफ के लिए दोपहर में मोनिका बस भी यात्री के इंतजार में थी. हालांकि अधिकांश निजी बस चालकों ने बसों का परिचालन ठप रखा. इस कारण सोमवार को प्राइवेट बस स्टैंड से अधिकांश राज्य व अंतरराज्यीय बसों का परिचालन नहीं हुआ. बसों के चालकों ने कहा कि केंद्र सरकार न सिर्फ बस ड्राइवर्स बल्कि दो पहिया, चार पहिया गाड़ियों से लेकर बड़ी बसें व ट्रक तक चलाने वाले हरेक चालक के खिलाफ यह कानून लायी है. एक्सीडेंट के बाद चालक घायल व्यक्ति को अस्पताल या पुलिस थाना ले जायेगा. ऐसा नहीं करने पर संबंधित चालक को सात लाख रुपये जुर्माना या 10 साल की सजा या दोनों सजा भुगतनी पड़ेगी. चालकों ने कहा कि अक्सर एक्सीडेंट के बाद भीड़ उग्र हो जाती है और चालक को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है. अगर वह वहां रुकेगा, तो भीड़ उसकी जान भी ले सकती है. ऐसे में इस कानून की व्यवहारिकता नहीं है. इसे केंद्र सरकार जल्द वापस ले.
भागलपुर, गोड्डा, सुल्तानगंज तरफ की एक भी बसें देवघर स्टैंड से नहीं खुली. ऐसे में इन इलाके के यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा. हंसडीहा तरफ के यात्रियों को बस स्टैंड से 150-150 रुपये किराया देकर ऑटो से जाते देखा गया. वहीं चांदन, कटोरिया, संग्रामपुर, चकाई तरफ के यात्री भी किराये के लिए ऑटो रिजर्व करते दिखे.
सुबह से ही संग्रामपुर की बस के इंतजार में बैठे रहे. दोपहर हो गया, लेकिन एक भी बस नहीं मिली. अब लगता है कि किसी रिश्तेदार के यहां रुकना होगा या फिर होटल में आसरा ढ़ूंढ़ना होगा.
मदन ठाकुर
चार-पांच परिजनों के साथ भागलपुर की बस का इंतजार करते-करते दोपहर हो गया. काफी सामान भी है. लगता है कि अब कोई गाड़ी रिजर्व करना होगा या फिर होटल-लॉज में कमरा ढ़ूंढ़ना पड़ेगा.
मो अंसार
सुबह से गोड्डा के लिए एक भी बस नहीं निकली है. दोपहर बाद जायेगी या नहीं, पता नहीं चल रहा. साल के पहले दिन आधे रास्ते में आकर फंसे हैं. अगर बस नहीं मिली, तो ठंड के मौसम में बाहर में रात बितानी मुश्किल होगी.
नीलेश कुमार
सुल्तानगंज के लिये कोई बस नहीं मिली. अब स्टेशन जाकर देखते हैं, कोई ट्रेन मिलेगी तो घर निकलेंगे. बस के इंतजार में नये वर्ष का पहला दिन दोपहर तक बर्बाद हो गया. बस नहीं चलने से काफी परेशानी हो रही है.
राजेश्वर ठाकुर