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बिहार में शिक्षा विभाग की कार्रवाई, स्कूलों पर केके पाठक सख्त, जानिए किस कारण विद्यालयों को भेजा नोटिस

KK Pathak News: बिहार में शिक्षा विभाग सख्त है. लापरवाही बरतने पर केके पाठक ने कई बार कार्रवाई की है. शिक्षकों के बाद अब स्कूलों पर कार्रवाई हुई है. शिक्षकों को नोटिस भेजा गया है.

KK Pathak News: बिहार में शिक्षा विभाग ने कई फैसले लिए है. शिक्षकों पर कार्रवाई होती है, तो कभी छात्रों पर कार्रवाई होती है. वहीं, अब स्कूलों को नोटिस भेजा गया है. मालूम हो कि पहले कई बार स्कूलों में लापहवाही बरतने पर शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है. कई बार शिक्षकों के वेतन को रोका गया है, तो कई बार शिक्षकों से लेकर प्रधानाध्यापक को भी निलंबित किया गया है. विद्यालयों के साफ- सफाई का भी खास ख्याल रखा जाता है. विद्यार्थिों को भी 75 प्रतिशत की हाजीरी को पूरा करने का आदेश दिया गया है. अगर छात्रों की हाजिरी 75 प्रतिशत की पूरी नहीं होती है, तो उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाता है. फिलहाल ,अब शिक्षकों की खाली पदों की सूची नहीं देने पर स्कूलों को नोटिस भेजा गया है.

शिक्षा कार्यालय ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

जिले के सरकारी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों की सूची स्कूल के प्रधानाध्यापकों से मांगी गयी है. इसमें स्कूल के प्रधानाध्यापकों को विषयवार शिक्षकों की रिक्तियां उपलब्ध कराने को कहा गया है. जिले के 50 फीसदी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को शिक्षकों की सूची नहीं भेजने पर जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. स्कूलों को विषयवार शिक्षकों की सूची भेजने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया था. लेकिन अब तक 1500 से अधिक स्कूलों ने रिक्त पदों से जुड़ी जानकारी साझा नहीं की है. इन स्कूलों को शिक्षकों की सूची भेजने के लिए दो जनवरी तक का समय दिया गया है.

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स्कूलों में सुधार को लेकर केके पाठक ने किए कई प्रयास

मालूम हो कि स्कूलों में सुधार को लेकर केके पाठक ने कई प्रयास किए है. इसी कड़ी में स्कूलों में शिक्षक के खाली पदों की सूची नहीं भेजने पर विद्यालयों को नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा हाल ही में निजी कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षकों की सूचि विभाग से मांगी गई है. इन पर कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, राज्य के सभी डीईओ से कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी गई है. इसको लेकर आदेश जारी हुआ है. उसमें शिक्षकों के नाम, कार्यरत स्कूल को नाम और कोचिंग के नामों की पूरी जानकारी को मांगा गया है. दरअसल, विभाग को शिक्षकों की शिकायत मिली है. इसी के आधार पर यह कार्रवाई हुई है. माना जा रहा है कि ऐसे शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा भगोड़े शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी. उनकी सूची मंगाई गई है और उन्हें फिर कभी बहाली का मौका भी नहीं मिलेगा.

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राज्य में एक जनवरी को पहली बार खुले स्कूल

राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था बेहतर करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी प्रयास के तहत साल के पहले दिन एक जनवरी को भी स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया था. सोमवार को साल के पहले दिन शहर के अधिकतर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखने को मिली थी. एक जनवरी को पहली बार स्कूल तो खुले, शिक्षक भी पहुंचे, मगर बच्चों की उपस्थिति 10 प्रतिशत से भी कम रही है. इस कारण यह चर्चा का विषय बन गया है. शहर के अलग- अलग स्कूलों में मौजूद शिक्षकों अपनी नौकरी कर रहे हैं. इसी कड़ी में पहली बार शिक्षा विभाग ने नये साल में पहली बार स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है. इधर, पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (पीपीयू) के तीन कॉलेजों के प्रभारी प्राचार्य 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो गये हैं. इसमें गंगा देवी महिला कॉलेज की प्राचार्या प्रो मणिबाला, बीडी कॉलेज के प्रो एलबी गुप्ता और राम कृष्ण द्वारिका (आरकेडी) कॉलेज के प्राचार्य प्रो अरविंद कुमार शामिल थे.

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