गांडेय के झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक डॉ सरफराज अहमद के विधानसभा की सदस्यता से 31 दिसंबर 2023 को त्याग पत्र देने के बाद कई कयास लगाये जा रहे हैं. सवाल उठाया जा रहा है कि वर्तमान विधानसभा का बचा हुआ जो समय है, उसमें गांडेय विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होगा या नहीं. इस सवाल पर कानूनविदों के बीच भी एक राय नहीं है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि एक साल से कम समय बच गया है, इसलिए उप चुनाव नहीं हो सकता है. झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता व झारखंड हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार का कहना है कि जो कानून है, उसके मुताबिक एक साल से कम समय बच गया है, तो गांडेय में उप चुनाव नहीं हो सकता है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151ए व उसके प्रोवाइजों के अनुसार सीट खाली होने के बाद विधानसभा का शेष समय यदि एक साल से कम है, तो उप चुनाव नहीं हो सकता है. हालांकि, अन्य धाराओं में कहा गया है कि सीट रिक्त रहने पर छह माह के अंदर चुनाव कराना आवश्यक है.
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एक साल से कम समय बचा है, तो उप चुनाव नहीं हो सकता : आरएस मजुमदार
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पुणे उप चुनाव मामले में बॉम्बे हाइकोर्ट ने कहा था जल्द कराया जाये चुनाव : राजीव शर्मा
चुनाव याचिकाओं के विशेषज्ञ माने जाने वाले झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने कहा कि चुनाव रिजल्ट घोषित होने के बाद गजट प्रकाशन होता है. गजट प्रकाशन के बाद ही सरकार का गठन होता है. 23 दिसंबर 2019 को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट घोषित हुआ था. यदि गजट प्रकाशन की तिथि को या मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तिथि 29 दिसंबर 2019 को माना जाये, तो गांडेय विधानसभा क्षेत्र के खाली सीट पर उप चुनाव संभव नहीं है, क्योंकि विधानसभा का शेष कार्यकाल एक साल से कम बचता है.
झारखंड हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने बॉम्बे हाइकोर्ट के नवीनतम फैसले का हवाला देते हुए बताया कि पुणे लोकसभा उप चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने कहा था कि आम चुनाव शीघ्र होनेवाला है, यदि उप चुनाव कराया जाता है, तो वह बहुत कम अवधि का होगा. इसलिए चुनाव नहीं कराया जायेगा. इसे बॉम्बे हाइकोर्ट में चुनाैती दी गयी. हाइकोर्ट ने चुनाव आयोग के चुनाव नहीं कराने के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यहां लोकतंत्र है, कोई भी निर्वाचन क्षेत्र जन प्रतिनिधिविहीन नहीं रहेगा. इसलिए जल्द चुनाव कराया जाये.
डॉ सरफराज अहमद के इस्तीफे में बड़ी डील की आशंका : बाबूलाल मरांडी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि गांडेय के विधायक रहे डॉ सरफराज अहमद स्वस्थ हैं, बीमार भी नहीं हैं. ऐसे में उनका इस्तीफा बड़ी डील की ओर इशारा कर रहा है. बड़ी डील हुई है या कुछ और मामला है, यह तो डॉ सरफराज ही बता सकते हैं. श्री मरांडी मंगलवार को करमजोरा मोड़ में आदिवासी समाज के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. श्री मरांडी ने कहा कि डील के बाद डॉ सरफराज क्षेत्र से गायब हैं. हो सकता है डील की राशि को ठिकाने लगाने दिल्ली, दुबई, इंग्लैंड या किसी अन्य स्थान पर गये हों. कहा कि राज्य सरकार और डॉ सरफराज अहमद को ही जनता के बीच जाकर सारी बातों को स्पष्ट करनी चाहिए. यहां की जनता सब देख समझ रही है.
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कानूनी राय लेकर झारखंड के लुटेरों की मंशा को रोकें राज्यपाल : निशिकांत दुबे
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एसआर चौधरी बनाम पंजाब सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पोस्ट कर कहा है कि यदि छह माह के अंदर कल्पना सोरेन विधायक नहीं बनती हैं, तो वह मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले सकती हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के काटोल विधानसभा के मामले में बॉम्बे हाइकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि अब गांडेय या झारखंड के किसी भी विधानसभा का चुनाव नहीं हो सकता है. ऐसे में राज्यपाल से आग्रह है कि कानूनी राय लेकर झारखंड के लुटेरों की मंशा को रोकना चाहिए.