Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के द्वारा मोदी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट एक फरवरी को पेश किया जाने वाला है. इस अंतरिम बजट की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. हालांकि, बजट अंतरिम होगा मगर लोगों की अपेक्षा इससे कुछ कम नहीं है. सरकार के द्वारा मध्यवर्ग को लुभाने के लिए नई स्कीम से लेकर टैक्स में छूट जैसी घोषणाएं की जा सकती हैं. अन्य सेक्टरों के साथ रियल एस्टेट भी सरकार की तरफ आशा के साथ देख रहा है. अफोर्डेबल होम बायर्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार होम लोन के ब्याज पर मिलने वाले टैक्स की छूट को बढ़ा सकती है. कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) ने मांग की है कि होम लोन के ब्याज रीपेमेंट में अभी दो लाख रुपये तक की छूट दी जाती है. इसे बढ़ाकर पांच लाख किया जाना चाहिए. वर्तमान में बैंकों का ब्याज दर काफी ऊंचा है. ऐसे में, घर खरीदारों को टैक्स में छूट देकर प्रोत्साहित किया जा सकता है. नाइट फ्रैंक इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया था कि पिछले साल देश के आठ बड़े शहरों में 50 लाख तक के घरों की बिक्री में करीब 16 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है. रिपोर्ट में इसका कारण, प्रोपर्टी के महंगे रेट और बैंकों के महंगे ब्याज दरों को बताया है.
ITC की दो सेक्शन के तहत मिलती है टैक्स में छूट
वर्तमान में किसी भी घर खरीदार जिसने किसी भी बैंक या एनबीएफसी से होम लोन लिया है, उसे प्रिंसिपल अमाउंट के भुगतान पर इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की छूट दी जाती है. इस रकम में कर्ज लेने वाले के द्वारा खर्च किया गया स्टैम्प-ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भी शामिल किया जा सकता है. इसमें ध्यान देने वाली बात है कि अगर आप अपना घर पांच साल के अंदर ही बेच देते हैं तो उस साल आपके टैक्स में मिलने वाली छूट को, उस वित्त वर्ष के इनकम में जोड़ दिया जाता है. वहीं, आयकर की धारा 24(b) में होम लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स में छूट दी जाती है. इसमें दो लाख तक की टैक्स छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है, चाहे आप उस घर में रह रहे हो या घर खाली हो. लेकिन अगर आपने अपने घर को किराया पर दिया है, यानी उससे लाभ प्राप्त कर रहे हैं तो आयकर की धारा 24(b) के तहत मिलने वाला ब्याज आपको नहीं मिलेगा.
कम हो गयी घरों की बिक्री
रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया के रिपोर्ट के अनुसार, 50 लाख रुपये और उससे कम कीमत वाली आवासीय संपत्तियों की बिक्री 2022 के 1,17,131 इकाई के आंकड़े से घटकर 2023 में 97,983 इकाई रह गई. इससे कुल आवास बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत रह गई है. एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले घरों की हिस्सेदारी 2022 के 27 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 34 प्रतिशत हो गई. नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि अधिक महंगी संपत्तियों की ओर बदलाव की वजह से आवास बाजार ने 2023 में भी अच्छी तेजी हासिल की. उन्होंने कहा कि देश की मजबूत आर्थिक बुनियाद की वजह से खरीदारों का दीर्घावधि का निवेश करने का भरोसा बढ़ा है. वर्ष 2018 में कुल आवासीय बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 54 प्रतिशत थी. मुंबई में 50 लाख रुपये और उससे कम कीमत के घरों की बिक्री 2023 में छह प्रतिशत घटकर 39,093 इकाई रह गई, जो इससे पिछले वर्ष में 41,595 इकाई थी.
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