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ईडी के सामने दूसरी बार भी पेश नहीं होंगे तेजस्वी यादव, नौकरी के बदले जमीन मामले में होनी है पूछताछ

तेजस्वी यादव एक बार फिर ईडी के सामने पेश नहीं होने जा रहे हैं. गुरुवार को तेजस्वी यादव बोधगया में थे. इन दिनों व्यस्तता के कारण दिल्ली जाने का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है. ईडी ने लैंड फ़ॉर जॉब मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित कार्यालय में बुलाया है.

पटना. रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को दूसरी बार पूछताछ के लिए 5 जनवरी को बुलाया गया है, लेकिन आरजेडी सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव एक बार फिर ईडी के सामने पेश नहीं होने जा रहे हैं. गुरुवार को तेजस्वी यादव बोधगया में थे. इन दिनों व्यस्तता के कारण दिल्ली जाने का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है. ईडी ने लैंड फ़ॉर जॉब मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित कार्यालय में बुलाया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि तेजस्वी यादव का दिल्ली जाने का अबतक कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है.

लालू और तेजस्वी से ईडी की टीम करना चाहती है पूछताछ

गौरतलब है कि इससे पहले तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर और उनके पिता व आरजेडी प्रमुख लालू यादव को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज कराने के लिए 27 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा गया था लेकिन दोनों लालू यादव और तेजस्वी यादव ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. इससे बाद ईडी ने तेजस्वी यादव को 5 जनवरी को दिल्ली कार्यालय में पेश होने के लिए बुलाया था.

रेलमंत्री रहने के दौरान लालू यादव पर लगे थे ये आरोप

कथित घोटाला उस समय का है जब लालू यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह डी पदों पर कई व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी.

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क्या था मामला

ईडी ने पहले एक बयान में दावा किया था कि कात्याल इस कंपनी के निदेशक थे, जब इसने लालू प्रसाद की ओर से अभ्यर्थियों से जमीन हासिल की थी. एजेंसी ने आरोप लगाया था कि कंपनी का पंजीकृत पता डी-1088, न्यूफ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है. ईडी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उनके द्वारा अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में अमित कात्याल ने उक्त कंपनी में कई अन्य जमीन भी ली थीं. ईडी के अनुसार, भूमि प्राप्त करने के बाद, उक्त कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को ‘हस्तांतरित’ कर दिए गए थे.

सीबीआई ने दर्ज की थी शिकायत

पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत से उपजा है. सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में नियुक्त किया गया था.

लालू यादव के कई बच्चों के बयान हुए हैं दर्ज

सीबीआई आरोप लगाया कि इसके बदले में, अभ्यर्थियों ने, सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची. पिछले कुछ महीनों में, ईडी ने इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा भारती (राज्यसभा मेंराजद सदस्य), चंदा यादव और रागिनी यादव के बयान दर्ज किए हैं.

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