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डीजीपी सम्मेलन में नए आपराधिक कानून, डीपफेक समेत कई मुद्दों पर मंथन होगा, पीएम मोदी-अमित शाह होंगे शामिल

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आम चुनाव से जुड़े मुद्दे, साइबर अपराध, माओवादी समस्या और अंतरराज्यीय पुलिस समन्वय समेत कई अन्य प्रमुख विषय हैं जिन पर बैठक के दौरान चर्चा होने की उम्मीद है.

राजस्थान की राजधानी जयपुर में पांच जनवरी से शुरू होने वाले पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के तीन दिवसीय सम्मेलन में जिन प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी उनमें तीन नये आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन, खालिस्तान समर्थक समूहों की गतिविधियां और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमला समेत कई मुद्दे शामिल हैं. अधिकारियों की ओर से उक्त जानकारी दी गई है. जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औपचारिक सत्र को संबोधित करने से पहले देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूरे सम्मेलन के दौरान मौजूद रहेंगे, जिसमें कई सत्र होंगे.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आम चुनाव से जुड़े मुद्दे, साइबर अपराध, माओवादी समस्या और अंतरराज्यीय पुलिस समन्वय समेत कई अन्य प्रमुख विषय हैं जिन पर बैठक के दौरान चर्चा होने की उम्मीद है. पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक रैंक के लगभग 250 अधिकारी जयपुर स्थित राजस्थान अंतरराष्ट्रीय केंद्र में सम्मेलन में भाग लेंगे, जबकि अन्य 200 से अधिक के भी इसमें भाग लेने की संभावना है. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि कई अधिकारियों को आतंकवाद का निरोध, ऑनलाइन धोखाधड़ी, जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद, खालिस्तान समर्थक समूहों की गतिविधियां और वामपंथी उग्रवाद जैसे विशिष्ट विषयों पर प्रस्तुतियां देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन सभी उभरती आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए, इस पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि मोदी छह-सात जनवरी को सम्मेलन में भाग लेंगे. पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि सम्मेलन का एक अन्य प्रमुख एजेंडा नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए खाका तैयार करना है जिस पर विचार विमर्श किया जाएगा. इसके अलावा, सम्मेलन में पुलिसिंग और सुरक्षा से जुड़े भविष्य के विषयों जैसे कृत्रिम मेधा (एआई), डीपफेक आदि जैसी नयी प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा. पीएमओ ने कहा कि सम्मेलन मूर्त कार्य बिंदुओं की पहचान करने और उनकी प्रगति की निगरानी करने का अवसर भी प्रदान करता है, जिसे हर साल प्रधानमंत्री के समक्ष भी प्रस्तुत किया जाता है.

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यह सम्मेलन चिह्नित विषयों पर जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुलिस और खुफिया अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श का समापन है. सम्मेलन में प्रत्येक वर्ष की तरह राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं को प्रस्तुत किया जाएगा ताकि राज्य एक-दूसरे से सीख सकें. पीएमओ ने कहा कि वर्ष 2014 से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीजीपी सम्मेलन में गहरी रुचि ली है. इस वर्ष के सम्मेलन में नाश्ते, दोपहर का भोजन और रात्रि भोज के दौरान विषयगत चर्चा की भी योजना बनाई गई है. पीएमओ ने कहा कि इससे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को देश को प्रभावित करने वाले आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर अपने विचार और सिफारिशें प्रधानमंत्री के साथ साझा करने का अवसर मिलेगा.

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प्रधानमंत्री ने 2014 से देश के हर क्षेत्र में डीजीपी सम्मेलनों के आयोजन को भी प्रोत्साहित किया है. साल 2014 में इसका आयोजन गुवाहाटी में, 2015 में कच्छ के रण, 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद, 2017 में टेकनपुर (मध्य प्रदेश), 2018 में केवडिया (गुजरात), 2019 में पुणे, 2021 में लखनऊ में और 2023 में दिल्ली में आयोजित हुआ था. इस परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष जयपुर में सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. सम्मेलन में केन्द्रीय गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री, कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा केन्द्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख भाग लेंगे.

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