रांची : प्रभात खबर के प्रधान संपादक और स्थानीय वरीय संपादक पर एफआइआर दर्ज करने को यूनियन ने किसी दबाव में एकतरफा कार्रवाई बताते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया है. यूनियन ने जारी बयान में कहा कि जेल में बंद एक अपराधी जोगेंद्र तिवारी जेल से फोन पर संपादकों को धमकी दी जा रही है. खबर अखबारों प्रकाशित होने की बात सामने आने के बाद उन पर जांच और कार्रवाई करने की जगह पर दोनों पत्रकारों पर मामला दर्ज किया जाता है, यह बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय घटना है. यूनियन के अजय सिंह और परवेज कुरैशी ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच हो और फर्जी केस दर्ज करनेवाले पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाये.
संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विजय शंकर नायक ने झारखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री व डीजीपी को इ-मेल भेज कर कहा है कि प्रभात खबर के प्रधान संपादक और वरीय स्थानीय संपादक के खिलाफ खेलगांव थाना में जेल में बंद मनी लॉउंड्रिंग और शराब कारोबार के आरोप में जेल मे बंद जोगेंद्र तिवारी की फर्जी शिकायत पर दर्ज एफआइआर को जांच कर एक सप्ताह के अंदर रद्द किया जाये, अन्यथा राज्यव्यापी आंदोलन किया जायेगा.
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झारखंड में बढ़ते अपराध के विरोध में खादगढ़ा सब्जी मंडी सुखदेव नगर थाना के समीप यूथ ऑफ रांची के तत्वाधान में विरोध प्रदर्शन किया गया. इसमें सामाजिक कार्यकर्ता भैरव सिंह ने कहा कि झारखंड की कानून व्यवस्था चरमरा गयी है. अपराधी इस प्रकार बेलगाम हो गए हैं की जेल के अंदर भी हत्याएं हो रही है. यहां तक की प्रभात खबर के संपादकों को भी धमकियां दी जाने लगी है. वर्तमान सरकार को जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है.
रांची: प्रभात खबर के प्रधान संपादक और स्थानीय वरीय संपादक पर एफआइआर दर्ज करने की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा खूब हो रही है. एक्स, फेसबुक जैसे पेज पर अखबार के प्रथम पृष्ठ पर छपी खबर को दर्शाते हुए इसे लहराया और टैग किया जा रहा है. ऐसा करते हुए लोग झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमों को लेकर लोग आपस में विमर्श कर रहे हैं. वार रिपोर्टिंग और इस पर आधारित पुस्तक यूपी टू यूक्रेन के राइटर अभिषेक उपाध्याय ने एक्स पर एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने कहा कि जेल में बंद जिस शराब, बालू और जमीन कारोबारी पर प्रभात खबर ने खबर छापी, उसने जेल में रहते हुए ही प्रभात खबर के संपादकों को पहले धमकी दी और फिर एफआइआर दर्ज करा दी. ऐसा करते हुए उन्होंने कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार इंडिया एलायंस की हिस्सेदार है. शायद इसीलिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इस समय विंटर वैकेशन” पर है.