देवघर शहरी क्षेत्र में तेजी से नीचे जाते जलस्तर पर नगर आयुक्त योगेंद्र प्रसाद ने चिंता जतायी है. भू-गर्भ जल को बचाने के लिए बोरिंग पर नजर रखी जायेगी. इसके लिए एक कमेटी बनायी जायेगी. कमेटी से पास होने के बाद ही बोरिंग करने की अनुमति दी जायेगी. नगर आयुक्त ने शुक्रवार को जलापूर्ति को लेकर बैठक की, जिसमें हैंडपंप पर चर्चा हुई. शहर में जलस्तर नीचे जाने से कई चापानलों ने पानी देना बंद कर दिया है. गर्मी माह में हैंड पंप की स्थिति दयनीय हो जाती है. पानी काफी नीचे चला जाता है. भू-गर्भ जल को बचाने के लिए बोरिंग करने पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया गया है. लोगों को बोरिंग कराने के लिए नगर निगम से अनुमति लेनी होगी. इसके लिए जल्द एक कमेटी बनायी जायेगी. टीम की ओर से क्षेत्र में पानी की स्थिति देखने के बाद ही रिपोर्ट दी जायेगी. उसी आधार पर बोरिंग कराने की अनुमति मिलेगी. बैठक में सहायक नगर आयुक्त विजय हांसदा, रंजीत सिंह, सुरेंद्र किस्कू, राजीव रंजन, कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार सिंह, सहायक अभियंता वैदेही शरण, पारस कुमार, कनीय अभियंता सुमन कुमार, मुकुल कुमार, सूरज कुमार शर्मा, अरविंद कुमार वर्मा आदि मौजूद थे.
देवघर एडीजे नवम की अदालत द्वारा सात आरोपियों हेमंत कुमार पंडित, दिनेश पंडित, बालकृष्ण पंडित, नीतेश कुमार पंडित, लखन पंडित, अनिता देवी व चंपा देवी को राहत मिल गयी. इन आरोपियों की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई की गयी, जिसमें अभियोजन एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस सुनी गयी. साथ ही केस डायरी अवलोकन के बाद सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी स्वीकृत कर ली गयी. सभी आरोपियों को लोअर कोर्ट में सरेंडर कर 10 हजार के दो बंध पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. मालूम हो इन आराेपियों के विरुद्ध जसीडीह थाना में केस दर्ज हुआ है, जिसमें गैर जमानती धाराएं लगायी गयी है.
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