Ranchi News: रांची के बड़े क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं मिल रहा है. उनके घरों में न तो कोई ऊर्जा मित्र मीटर रीडिंग करने जा रहे हैं और न ही कोई बिल मिल रहा है. जिसके कारण उपभोक्ता परेशान हैं. कुछ जगहों पर उपभोक्ताओं की शिकायत पर मीटर रीडर को भेजा जाता है, अन्यथा दो से तीन माह तक कोई रीडिंग ही नहीं हो रही है. यह मामला झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष भी टैरिफ की जनसुनवाई के दौरान उठाया गया था. तब आयोग ने निगम को नियमित रूप से बिजली बिल देने का निर्देश दिया था.
बताया गया कि रांची में बिलिंग का काम कंपीटेंट सिनर्जी को दिया गया है. कंपनी के यहां आउटसोर्स पर कार्यरत अधिकतर ऊर्जा मित्र काम छोड़ चुके हैं. वर्तमान में केवल 25 प्रतिशत ऊर्जा मित्र ही हैं, जो कंपनी के यहां काम कर रहे हैं. इनके द्वारा जिन घरों में बिल दिया जा रहा है, वे बिल चुका देते हैं. वहीं कई उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके घर चार-चार माह से बिल नहीं मिला है. रांची एरिया बोर्ड के जीएम पीके श्रीवास्तव ने कहा कि समस्या है पर कोशिश हो रही है कि सबको बिल मिले. स्मार्ट मीटर का ऑनलाइन बिल भेजा जा रहा है.
इधर जेबीवीएनएल द्वारा बताया गया कि कंपीटेंट सिनर्जी की जगह पर नयी कंपनी को लाने के लिए टेंडर निकाला गया है. प्रक्रिया चल रही है. प्रकिया पूरी होते ही नयी कंपनी के माध्यम से बिल मिलने लगेगा.
रांची में 3.50 में से 1.70 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं. इनमें 20 हजार मीटर प्रीपेड हो चुके हैं. अभी भी 1.50 लाख स्मार्ट मीटर के उपभोक्ताओं को रीडिंग के जरिये ही बिल मिलता है. कुछ उपभोक्ताओं के घरों में ऑनलाइन रीडिंग कर बिल भेजा जा रही है. पर इनकी संख्या कम है.
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