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बिहार: ‘अविनाश दा’ नाम से कुख्यात नक्सली अरविंद यादव को जानिए, ईनाम रखकर वर्षों से की जा रही हार्डकोर की खोज

बिहार-झारखंड में कुख्यात नक्सली अरविंद यादव को पुलिस खोज रही है. नक्सली दस्ते में उसकी पहचान अविनाश दा नाम से है. उसके ऊपर इनाम की भी घोषणा हो चुकी है और अब उसे पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है.

Bihar Naxalite News: बिहार में नक्सलियों की कमर तोड़ने के लिए लगातार कई वर्षों से अभियान चलाया जा रहा है. बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार, वर्ष 2018 तक बिहार के 22 जिले नक्सल प्रभावित थे जो वर्ष 2023 में 10 से भी कम रह गए. वहीं पिछले कुछ सालों की बात करें तो 100 से अधिक नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की ओर से योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास निरंतर जारी है. लखीसराय-मुंगेर-जमुई समेत आसपास के क्षेत्र में कई ऐसे हार्डकोर नक्सली हुए जिनका प्रभाव धीरे-धीरे खत्म होता गया. कई नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया तो कई गिरफ्तार किए गए. लेकिन आज भी पुलिस को कुछ कुख्यात नक्सलियों की खोज है जो उनकी पकड़ से दूर हैं. ऐसा ही एक नाम है हार्डकोर नक्सली अरविंद यादव का जिसका इतिहास बेहद खूंखार रहा है. उसके दस्ते के कई नक्सली पकड़े जा चुके हैं और सरेंडर भी कर चुके हैं लेकिन संगठन में अविनाश दा नाम से पहचान बनाने वाले नक्सली अरविंद यादव को आजतक नहीं पकड़ा जा सका है.

अरविंद यादव पर रखा गया है ईनाम

जमुई जिले में लगातार नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के बाद नक्सली संगठन पूरी तरह से बैक फुट पर हैं. संगठन के हार्डकोर नक्सली या तो मारे जा चुके हैं या उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. पिछले दिनों बड़ी संख्या में गिरोह के हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया था. ऐसे में नक्सली संगठन पूरी तरह से टूट कर बिखर चुका है. लेकिन एक नक्सली आज भी खुले में जी रहा है और उसका पकड़ा जाना पुलिस के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी. ‘अविनाश दा’ के नाम से कुख्यात अरविंद यादव पर अब ईनाम की राशि भी बढ़ा दी गयी है. अरविंद यादव को पकड़वाने वाले या उसका पता बताने वाले को बिहार एसटीएफ की तरफ से तीन लाख रुपये का इनाम दिया जायेगा. गौरतलब है कि इससे पहले नक्सली अरविंद यादव पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था, जिसे हाल में ही बिहार एसटीएफ ने बढ़ा कर 3 लाख कर दिया है. झारखंड में भी अरविंद यादव पर ईनाम रखा गया है.

कौन है अरविंद यादव उर्फ अविनाश दा?

अरविंद यादव पूर्वी बिहार-पूर्वोत्तर झारखंड भाकपा माओवादी संगठन का हार्डकोर है. वह नक्सली प्रवक्ता भी है. इन दिनों नक्सली संगठन को मजबूत करने का जिम्मा अरविंद यादव ने अपने कंधे पर ले रखा है. अरविंद यादव उर्फ अविनाश मूल रूप से संगठन को हथियार सप्लाई करता है और संगठन के लिए फंडिंग एकत्रित करता है. ऐसे में उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता हो सकती है. लगातार जिला पुलिस नक्सली अरविंद यादव को गिरफ्तार करने के लिए रणनीति बना रही है. उसी के तहत अब उसके खिलाफ मिलने वाली इनाम की राशि भी बढ़ायी गयी है.

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जमुई में अरविंद यादव के ठिकाने पर छापा, हथियारों का जखीरा बरामद

वहीं शुक्रवार को जमुई में हार्डकोर नक्सली अरविंद यादव उर्फ अविनाश दा के हाइड आउट में छापेमारी कर पुलिस ने हथियारों का जखीरा बरामद किया है. जमुई जिले के चरकापत्थर थाना क्षेत्र के तेतरिया जंगल में कार्रवाई की गयी है. पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सली नेता अरविंद यादव उर्फ अविनाश अपने दस्ते के साथ तेतरिया के जंगलों में मौजूद है और बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है. जिसके बाद जमुई पुलिस व एसएसबी ने छापेमारी की.

ईडी ने भी करोड़ों की संपत्ति की है जब्त

गौरतलब है कि नक्सली अरविंद यादव जमुई के अलावा बांका, मुंगेर व लखीसराय जिले में भी मुख्य रूप से सक्रिय रह चुका है. साथ ही झारखंड के गिरिडीह सहित कई अन्य जिलों में उसने कई नक्सली वारदात को अंजाम दिया है. पिछले दिनों ईडी ने नक्सली अरविंद यादव की डेढ़ करोड़ से भी अधिक की संपत्ति को जब्त की थी. इसके बाद अब उसके खिलाफ बिहार एसटीएफ ने भी शिकंजा कसा है.

लखीसराय की रूह कंपानी वाली वो घटना..

बता दें कि 29 अगस्त 2010 को लखीसराय के कवैया थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष भूलन यादव की हत्या कजरा के जंगल में मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने कर दी थी. उसी दौरान बीएमपी के जवान लुकस टेटे को अगवा किया गया और सात पुलिस जवानों की हत्या करके शवों को कजरा के पहाड़ी इलाके पर फेंक दिया गया था. नक्सली अरविंद यादव उर्फ अविनाश दा ऐसे अन्य कई बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर चर्चा में रह चुका है. बताते चलें कि नक्सली अरविंद यादव पर झारखंड सरकार ने भी ईनाम रखा है. उसकी गिरफ्तारी दोनों राज्यों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी.

अरविंद यादव के दस्ते के कई नक्सली अब जेल में बंद

अविनाश दा यानी अरविंद यादव के दस्ते के कई नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. उनके सरेंडर करने से अविनाश दा की मुश्किलें बढ़ीं. वहीं इस दस्ते के कई नक्सली गिरफ्तार भी किए गए. पुलिस इन सभी से अरविंद यादव से जुड़ी अहम जानकारी भी जुटाने के प्रयास में रही. इस गिरोह की एक महिला नक्सली दुखनी को गिरफ्तार किया गया था जो अरविंद यादव की बेहद करीब रहती थी. दुखनी से पुलिस ने अरविंद यादव की कई अहम जानकारी जुटाई थी. लखीसराय में दुखनी की गिरफ्तारी हुई थी. वो लगातार अरविंद यादव के ही संपर्क में रहती थी और संगठन की सक्रिय सदस्य थी. बता दें कि एसएसबी, एसटीएफ और जिला पुलिस की टीम लगातार नक्सली अरविंद यादव की खोज में लगी है.

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